इस साल 92 लाख नामांकन हो गए, जाति प्रमाण-पत्र की प्रक्रिया सरल होगी, टास्क फोर्स बनाने के भी मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
इंदौर। अनुसूचित जाति, जनजाति (SC, ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के विद्यार्थियों (students) को शासन (government) द्वारा छात्रवृत्ति (scholarships) दी जाती है। मुख्यमंत्री ने लम्बित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि छात्रवृत्ति प्राप्त करने में किसी भी विद्यार्थियों को परेशानी न हो और जाति प्रमाण-पत्र (Caste Certificate) बनाने की प्रक्रियाका सरलीकरण किया जाए और इसके लिए टास्क फोर्स भी गठित हो। वर्तमान में 20तरह की छात्रवृत्ति इन विद्यार्थियों को दी जाती है और गत वर्ष 64 लाख विद्यार्थियों को लगभग 330 करोड़ रुपए वितरित किए गए, तो इस साल 92 लाख नामांकन हो गए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समीक्षा बैठक में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने में कोई परेशानी न हो। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए छात्रवृत्ति में आवेदन के सत्यपान, पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और छात्रवृत्ति वितरण की समय सीमा निर्धारित की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला लोक सेवा प्रबंधक और लीड बैंक मैनेजर आवश्यक समन्वय सुनिश्चित कर जिला स्तर पर अभियान चलाए जिससे छात्रों को आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में समस्या न हो। इसके साथ ही छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे अपात्र विद्यार्थियों का परीक्षण शिक्षण संस्थावार किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव महाविद्यालय और शाला स्तर पर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उप-मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा उपस्थित थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण आवश्यक है। अन्य राज्यों में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए बनाई जा रही प्रक्रिया का अध्ययन कर सामान्य प्रशासन विभाग अन्य संबंधित विभागों की टॉस्क फोर्स बनाकर कर प्रकिया के सरलीकरण के लिए तत्काल कार्रवाई करें। इसके साथ ही सभी व्यवसायिक व प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुसूचित जाति जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी उपलब्धियाँ अर्जित करें, इस उद्देश्य से प्रभावी कार्य योजना बनाई बनाई जाए।