मुंबई। देश की अर्थव्यवस्था के साथ वित्तीय प्रणाली मजबूत और जुझारू बनी हुई है। बैंकों का सकल एनपीए अनुपात मार्च, 2024 तक घटकर 12 साल के निचले स्तर 2.8 फीसदी पर आ गया है। वाणिज्यिक बैंकों का शुद्ध एनपीए अनुपात भी कम होकर 0.6 फीसदी के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है।
आरबीआई ने बृहस्पतिवार को जारी जून की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा, 2024-25 अंत तक बैंकों का सकल एनपीए अनुपात और घटकर 2.5 फीसदी पर आ सकता है। अगर वृहद आर्थिक परिवेश गंभीर दबाव परिदृश्य में बिगड़ता है, तो यह अनुपात बढ़कर 3.4 फीसदी तक पहुंच सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च, 2020 से सकल एनपीए अनुपात में निरंतर कमी मुख्य रूप से नए फंसे कर्ज की वृद्धि में लगातार गिरावट और बट्टे खाते में वृद्धि के कारण हुई है। सकल एनपीए में कमी से बट्टे खाते में डाले जाना वाला अनुपात एक साल पूर्व स्तर पर ही रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, सभी श्रेणी के बैंकों में सकल एनपीए घटा है। सरकारी बैंकों के सकल एनपीए अनुपात में 2023-24 की दूसरी छमाही में 0.76 फीसदी कमी आई।
Share:![](https://www.agniban.com/wp-content/uploads/2021/03/wagroup-join-banner.png)