नई दिल्ली(New Delhi) । NEET-UG पेपर लीक (NEET-UG paper leak)मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने प्राइवेट कोचिंग सेंटर(Coaching Centre) को फटकार लगाते हुए कहा है कि इस मामले में उन्हें कूदने की जरूरत नहीं(no need to jump) है। कोचिंग सेंटर ने अपनी याचिका में कहा था कि ओएमआर के इवैलुएशन को लेकर एनटीए ने शिकायतों के निवारण करने का कोई सिस्टम नहीं बनाया था। वहीं जस्टिस मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की वैकेशन बेंच ने कहा कि कोचिंग सेंटर का कौन सा मौलिक अधिकार छिन गया जिसकी वजह से आर्टिकल 32 के तहत याचिका फाइल की गई है।
बेंच ने कहा, आप कोचिंग इंस्टिट्यूट हैं। आप आर्टिकल 32 के तहत कैसे याचिका फाइल कर सकते हैं? वहीं कोचिंग सेंटर की तरफ से सीनियर वकील आर बसंत ने कहा, अगर कोर्ट कोचिंग सेंटर की याचिका नहीं भी मानता है तो दूसरे चार स्टूडेंट्स ने भी ओएमआर शीट में कमियों को लेकर याचिका फाइल की है। वहीं एनटीए ने शिकायत निवारण का कोई विकल्प ही नहीं दिया है।
एनटीए के वकील वर्धमान कौशिक ने कहा, नीट-यूजी में हुई गड़बड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले से ही सख्त है और 8 जुलाई को सुनवाई करने की तारीख सुनिश्चित की है। छुट्टियों के बाद पहले दिन के कामकाज के दौरान ही इस मामले की सुनवाई होनी है। कोर्ट ने एनटीए से कहा है कि वह ओएमआर शीट्स के इवैलुएशन को लेकर शियाकतों के निवारण से संबंधित जवाब दे। हालांकि कोर्ट ने छात्रों के साथ कोचिंग सेंटर के इस मामले में कूदने को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की।
बेंच ने कहा, हम देख रहे हैं कि कोचिंग सेंटर इस मामले में उकसाने और अपने पीछे भीड़ इकट्ठी करने का काम कर रहा है। इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। कोचिंग खत्म होने के साथ ही आपका काम पूरा हो गया। आपने कोचिंग पढ़ा ली और मामला खत्म हो गया। वहीं एनटीए के वकील ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले से संबंधित डीटेल वेबसाइट पर अपलोड की गई है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि 8 जुलाई को जिन याचिकाओं की सुनवाई होनी है उनके साथ ही एनटीए अपना जवाब टैग करे।
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