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    दलित और मुस्लिम सियासी नेतृत्व से आउट, जानें डिसीजन मेकिंग में किसका है दबदबा?

  • June 27, 2024

    नई दिल्ली: सरकार गठन के बाद लोकसभा अध्यक्ष का भी चुनाव संपन्न हो गया है. राजस्थान के ओम बिरला 18वीं लोकसभा के स्पीकर चुने गए हैं. बिरला के चयन के साथ ही देश के डिसिजन मेकिंग के सभी टॉप पोस्ट भर लिए गए हैं. हालांकि, यह पहली बार है जब देश के डिसिजन मेकिंग से दलित, दक्षिण और मुसलमान बाहर हैं.

    मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, 18वीं लोकसभा के इस शुरुआती कार्यकाल में भारत के डिसिजन मेकिंग के 6 बड़े पदों पर न तो एक भी दलित हैं, न मुस्लिम और न ही दक्षिण भारतीय. टॉप-6 पद में से 3 पद यूपी, 2 पद राजस्थान और 1 पद ओडिशा के खाते में है. जाति आधारित बात की जाए तो 6 में से 3 ओबीसी, 2 सवर्ण और 1 आदिवासी समुदाय के नेता देश के डिसिजन मेकिंग के हिस्सा हैं.


    किस पद पर किसका कब्जा?

    • राष्ट्रपति- भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और वे मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं. 2022 में वो भारत की राष्ट्रपति बनीं और उनका कार्यकाल 2027 तक है. भारत में राष्ट्रपति का पद संवैधानिक प्रमुख होता है.
    • उपराष्ट्रपति- मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले जगदीप धनखड़ भारत के उपराष्ट्रपति हैं और वो जाट समुदाय से आते हैं. राजस्थान में जाट ओबीसी कैटेगरी का हिस्सा है. भारत में उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं.
    • प्रधानमंत्री- भारत के कार्यपालिका प्रमुख नरेंद्र मोदी ओबीसी समुदाय से आते हैं. मूल रूप से गुजरात के रहने वाले मोदी वर्तमान में यूपी के वाराणसी से सांसद भी हैं. मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने हैं.
    • लोकसभा अध्यक्ष- राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं. बिरला पहले भी लोकसभा के स्पीकर रहे हैं. बिरला भी ओबीसी समुदाय से ही आते हैं.
    • उपसभापति- बिहार से जेडीयू के सांसद हरिवंश अभी राज्यसभा के उपसभापति हैं. हरिवंश मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. हरिवंश राजपूत बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं.
    • लोकसभा में विपक्ष का नेता- कार्यपालिका में ये पद भी काफी प्रभावी माना जाता है. अपॉइंटमेंट्स से जुड़ी कई कमेटियों में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद भी इस बार उत्तर भारत में ही चला गया है. रायबरेली से सांसद राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष नियुक्त हुए हैं. वे सवर्ण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

    यह जरूरी क्यों, जाते-जाते समझिए
    भारत के संविधान में राजनैतिक न्याय का जिक्र है. इसका मतलब है- सार्वजनिक नीतियां निर्धारित करने की प्रक्रिया में सबको प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लेने का अवसर मिले. भारत विविधताओं का भी देश है. भौगोलिक तौर पर यह चार भागों (दक्षिण, पूरब, पश्चिम और उत्तर) में बंटा है. दक्षिण भारत में देश के 5 बड़े राज्य (आंध्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और केरल) हैं. दक्षिण में लोकसभा की 130 सीटें हैं. अब 18वीं लोकसभा में ये देखना है कि अगर डिप्टी स्पीकर बनाया जाता है तो वो किस जाति, राज्य से होगा.

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