इंदौर। खजराना, धार रोड, चंपाबाग, आजाद नगर, जिंसी, निपानिया, कड़ावघाट, महू नाका, कटकटपुरा, बंबई बाजार, चंद्रभागा, हरसिद्धि, श्रीनगर मेन रोड सहित ग्रामीण क्षेत्र देपालपुर की 3 मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाए जाने की मांग एक बार फिर उठी है । मस्जिदों के मौलवी और शहर काजी ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि उन्हें कम आवाज में लाउडस्पीकर के माध्यम से अजान की अनुमति दी जाए। इंदौर शहर के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्थित लगभग 34 मस्जिदों के मौलवियों ने जिला प्रशासन से गुजारिश की है कि उन्हें एक लाउडस्पीकर लगाए जाने की अनुमति दी जाए। प्रशासन ने सभी आवेदनों को पुलिस विभाग में जांच के लिए पहुंचाया है।
पुलिस कमिश्नर की सहमति के बाद प्रशासन अनुमति देने पर विचार करेगा। ज्ञात हो कि कलेक्टर, एडीएम या पुलिस कमिश्नर को मिलने वाले अनुमति आवेदन की संबंधित थानों और एसीपी के माध्यम से जांच रिपोर्ट मंगवाने के बाद नियमानुसार अनुमति जारी की जाती है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के बाद शासन के निर्देश के आधार पर पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए जिले की सभी मस्जिदों पर होने वाली अजान एवं नमाज के लिए लगाए गए लाउडस्पीकर तथा माइक पर रोक लगाते हुए उन्हें हटाने की करवाई की थी। अधिकांश जगह इस कार्रवाई का विरोध भी सामने आया और शहर काजी ने भी कलेक्टर से मिलकर इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगाने की बात कही थी।
हटाने की कार्रवाई के दौरान भी हुआ था विरोध
राज्य शासन द्वारा धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाकर किए जाने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके आधार आधार पर अधिकांश मस्जिद और मंदिर से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। पिछले दिनों की गई कार्रवाई का जमकर विरोध हुआ और उसके बाद शहर काजी ने कलेक्टर से चर्चा कर अजान के समय लाउडस्पीकर की अनुमति देने की मांग रखी है। निर्धारित मापदंड के अनुसार एक माइक और एक स्पीकर लगाकर कम आवाज में नमाज पढऩे के लिए अलग-अलग मस्जिद कमेटी द्वारा एडीएम रोशन राय के पास अनुमति के आवेदन प्रस्तुत किए जा रहे हैं। एडीएम उक्त अनुमति को लेकर विचार में लगे हैं। उन्होंने अपने पास आए सभी 34 आवेदनों को जांच के लिए पुलिस विभाग के पास भेज दिया है। पुलिस कमिश्नर द्वारा दी जाने वाली सहमति के बाद ही जिला प्रशासन अनुमति जारी कर सकता है। इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शासन से मिले निर्देश और न्यायालय की गाइड लाइन पर विचार करने के बाद ही जिला प्रशासन लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति देना है या आवेदन निरस्त करना है, निर्णय लेगा।
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