धार (Dhar)। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला (bhojashaala) का सर्वे लगातार जारी है. 25 जून को सर्वे का 96वां दिन था. सर्वे के लिए एएसआई (Archeological Survey of India) की टीम, हिंदू-मुस्लिम पक्षकार और मजदूर सुबह से ही भोजशाला के परिसर पहुंच गए. यहां भोजशाला और इसके 50 मीटर के दायरे में ये सर्वे किया जा रहा है. यहां उत्खनन, मिट्टी हटाने का काम, स्केचिंग, ड्रॉइंग, सफाई, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जा रही है. इस सर्वे के बीच एएसआई को यहां से भगवान श्री कृष्ण और श्री विष्णु की परिवार सहित मूर्तियां मिलीं. एएसआई ने इन्हें संरक्षित कर लिया है. दूसरी ओर, मंगलवार होने की वजह से यहां श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा भी की.
गौरतलब है कि सर्वे के दौरान एएसआई की टीम को 1600 से ज्यादा अवशेष मिल चुके हैं. इनमें मां वाग्देवी की प्रतिमा, तीर के छोटे-छोटे टुकड़े, महिषासुरमर्दिनी प्रतिमा के अवशेष, धातु के सिक्के, गौशाला के नीचे से दीवारें, स्तंभ, स्तंभों के अवशेष, स्तंभ के आधार, गणेश प्रतिमा, भैरव नाथ, उर्दू-फारसी लिखे शिलालेख, नीलम का पत्थर, शिखर का आधार, भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं के अवशेष, दीवारों पर शंख चक्र, कमलपुष्प, कई तरह के पत्थर, भाले और दीवार पर बाहर की तरफ बना गौमुख शामिल हैं.
मंगलवार को हनुमान चालीसा, शुक्रवार को होती है नमाज
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने करीब 1,000 साल पुराने भोजशाला परिसर की वैज्ञानिक जांच अथवा सर्वेक्षण अथवा खुदाई अथवा ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) सर्वेक्षण समयबद्ध तरीके से करने की मांग की थी. बता दें, हिंदू संगठनों ने हाईकोर्ट में कहा था कि भोजशाला में मां सरस्वती का मंदिर है. अपने इस दावे को मजबूत करने के लिए हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट के सामने परिसर की रंगीन तस्वीरें भी पेश की थीं. भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन एएसआई का संरक्षित स्मारक है. एएसआई के सात अप्रैल 2003 के आदेश के अनुसार चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है. मुस्लिम समुदाय भोजशाला परिसर को कमाल मौला की मस्जिद बताता है.
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