• img-fluid

    नया नियम, तीन वर्ष से छोटे बच्चों को नहीं मिलेगा स्कूल में प्रवेश

  • June 25, 2024

    एमपी बोर्ड के निजी स्कूल संचालकों में भ्रम की स्थिति

    इंदौर। नया शैक्षणिक सत्र (New Academic Session) शुरू हो चुका है। स्कूलों (school) में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। एमपी बोर्ड (mp board) के निजी स्कूल संचालक (Private school operators) आयु सीमा को लेकर असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं। इस बार सरकार (Government) की ओर से नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम 3 वर्ष ( three years) की आयु सीमा तय की गई है।


    सरकार ने नियम बनाया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 नर्सरी कक्षा में प्रवेश देने के लिए विद्यार्थी की न्यूनतम आयु 3 वर्ष 1 अप्रैल को पूरी होना चाहिए । इसी प्रकार केजी 1, केजी 2 और पहली कक्षा के लिए क्रमश: 4, 5 और 6 वर्ष न्यूनतम आयु सीमा रखी गई है। निजी स्कूल संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सोनी ने बताया कि नए नियम में व्यावहारिक दिक्कतें हैं। जिन बच्चों को 1 अप्रैल 2024 तक दो-तीन महीने आयु सीमा में कम हो रहे हैं और माता-पिता उन्हें प्रवेश दिलाना चाहते हैं, लेकिन नियम में आयु की बाध्यता बनी हुई है। इसके साथ ही जो बच्चा पहले से नर्सरी या केजी 1 मे पढ़ रहा है और नए स्कूल में अगली कक्षा में प्रवेश चाहता है, जिसमें उसकी आयु सीमा कम है, ऐसे मे स्कूल संचालकों के सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि वह विद्यार्थी को प्रवेश दे या फिर अगले आदेश का इंतजार करे। एडमिशन का समय चल रहा है और निजी स्कूल संचालक बच्चों को प्रवेश देने में भ्रम की स्थिति महसूस कर रहे हैं। ऐसे मामलों में अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

    कैसे होगी जांच, कई स्कूलों ने किया उल्लंघन..!
    कक्षा आठवीं तक शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन राज्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से डीपीसी द्वारा किया जाता है। स्कूलों में प्रवेश के लिए उम्र का मापदंड नया नियम बना है। अब इस नियम का पालन कैसे होगा और कैसे जांच की जाएगी, इस पर भी संदेह की स्थिति बनी हुई है। कुछ निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि इस मामले में नियमों का उल्लंघन भी हो रहा है विभागीय जांच की दरकार है, वहीं जो स्कूल संचालक नियमों में उलझे हुए हैं, उनके यहां एडमिशन कम हो रहे हैं, जिससे उनका सालभर आर्थिक नुकसान रहेगा। राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त धनराजू एस से भी निजी स्कूल संचालक गुहार लगा चुके हैं कि छोटी कक्षाओं में प्रवेश के लिए नियमों में राहत देते हुए व्यावहारिक कठिनाइयों को देखा जाए। जिले के अधिकारियों का कहना है कि भोपाल से जो आदेश आएगा, उसका पालन किया जाएगा।

    Share:

    शादी-ब्याह से मजबूत हो रही अर्थव्यवस्था, एक विवाह पर 12.50 लाख का खर्च

    Tue Jun 25 , 2024
    नई दिल्ली: शादी-ब्याह पर हर परिवार दिल खोलकर खर्च करता है, क्योंकि यह जिंदगी का सबसे बड़ा इवेंट होता है. खास बात है कि यह इवेंट देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ा महत्वपूर्ण बन गया है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वेडिंग इंडस्ट्री करीब 130 अरब डॉलर (10 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गई […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved