वाशिंगटन (Washington)। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu) पर जहां एक तरफ ‘युद्ध अपराध’ (‘war crimes’) के आरोप लगे हैं, वहीं इजराइली सेना उस वक्त आलोचनाओं में आ गई है, जब एक घायल फिलीस्तीनी को जीप के बोनेट पर बांधने की तस्वीर जारी की गई है।
बताया जा रहा है, कि यूके की एक मीडिया हाउस ने इस तस्वीर को जारी किया है, जिसमें देखा जा रहा है, कि इजराइली सैनिकों ने जीप के बोनेट पर घायल फिलीस्तीनी शख्स को बांध रखा है, जो ना सिर्फ ‘युद्ध अपराध’ के अंदर आ सकता है, बल्कि इस तस्वीर को कई लोग अमानवीय भी बता रहे हैं।
इजराइली सेना ने भी एक बयान में इस बात को माना है, कि उसके सैनिकों ने गाजा के पश्चिमी तट के जेनिन शहर में छापेमारी के दौरान एक घायल फिलिस्तीनी व्यक्ति को अपने जीप के आगे बांधकर, प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।
इजराइल डिफेंस फोर्स ने घटना की पुष्टि की है, जब इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने लगे। IDF के एक बयान में कहा गया है, कि छापेमारी के दौरान गोलीबारी में वह व्यक्ति घायल हो गया था। इजराइली सेना ने घायल शख्स को एक संदिग्ध बताया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, घायल व्यक्ति के परिवार ने बताया है, कि जब उन्होंने एम्बुलेंस के लिए कहा, तो सेना ने उस व्यक्ति को अपने कब्जे में ले लिया, उसे अपनी जीप के बोनट पर बांध दिया और गाड़ी चलाकर चले गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में इजराइली सेना (IDF) ने उस सख्स को इलाज के लिए रेड क्रिसेंट अस्पताल में भर्ती करवाया था। वहीं, इजराइल डिफेंस फोर्स ने कहा है, कि इस घटना की जांच की जाएगी। रॉयटर्स समाचार एजेंसी से बात करने वाले प्रत्यक्षदर्शियों ने उसकी पहचान स्थानीय व्यक्ति के रूप में की और उसका नाम मुजाहिद आजमी बताया है।
आईडीएफ के बयान में कहा गया है, “आज सुबह (शनिवार) वादी बुरकिन के इलाके में वांछित संदिग्धों को पकड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान, आतंकवादियों ने IDF सैनिकों पर गोलीबारी की, जिसके बाद सैनिकों ने भी जवाब में गोलीबारी की।”
IDF ने आगे कहा, कि “गोलीबारी के दौरान, एक संदिग्ध घायल हो गया और उसे पकड़ लिया गया। आदेशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए, संदिग्ध को एक वाहन के ऊपर बांधकर सेना द्वारा ले जाया गया। घटना के वीडियो में सैनिकों का आचरण आईडीएफ के मूल्यों के मुताबिक नहीं है। घटना की जांच की जाएगी और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।”
वहीं, टॉम स्क्वितिरी नाम के एक पत्रकार ने इस घटना को लेकर कहा है, कि ये कोई ‘प्रोटोकॉल’ नहीं था।
NOT PROTOCOL: Israeli army troops straps Palestinian on military jeep during raid in Jenin, in the Israeli-occupied West Bank, June 22, 2024. They strapped a wounded Palestinian man to the hood of the military jeep during an arrest raid in the occupied West Bank city of Jenin on… pic.twitter.com/E4LRauJEwn
— Tom Squitieri (@TomSquitieri) June 22, 2024
उन्होंने आगे लिखा है, कि “इजरायली सेना ने एक बयान में कहा, कि इजरायली बलों पर गोलीबारी की गई और गोलीबारी का आदान-प्रदान किया गया, जिसमें एक संदिग्ध घायल हो गया और उसे पकड़ लिया गया। बयान में कहा गया कि सैनिकों ने फिर सैन्य प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। संदिग्ध को सैनिकों द्वारा (चिकित्सा देखभाल के लिए) एक वाहन के ऊपर बांधकर ले जाया गया।”
आपको बता दें, कि गाजा पट्टी में युद्ध की शुरुआत के बाद से पश्चिमी तट पर हिंसा में वृद्धि हुई है, जिसकी शुरुआत 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमास के घातक हमले से हुई थी। संयुक्त राष्ट्र का कहना है, कि पूर्वी यरुशलम सहित पश्चिमी तट में संघर्ष संबंधी घटनाओं में कम से कम 480 फिलिस्तीनी, जिसमें हमास के लोग भी शामिल हैं, वो मारे गये हैं।
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