नई दिल्ली (New Delhi)। भारत और बांग्लादेश (India and Bangladesh)ने शनिवार को नए क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने(enhance mutual cooperation) के लिए भविष्य की योजना(future plan) पर सहमति जताई और समुद्री क्षेत्र(Marine Area) समेत कई अहम क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना के बीच हुई बातचीत के प्रमुख परिणामों में तीस्ता नदी के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए एक बड़ी परियोजना के लिए भारत द्वारा एक तकनीकी दल को जल्द ही बांग्लादेश भेजना, एक व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ना और रक्षा संबंधों को बढ़ावा देना शामिल है।
भारत ने चीन को दे दिया करारा झटका
बता दें कि चीन लंबे समय से ढाका को इस बात के लिए राजी करने में लगा था कि उसे तीस्ता बेसिन को विकसित करने का मौका दिया जाए। हालांकि बांग्लादेश भूराजनीतिक समीकरणों को देखते हुए भारत के साथ ही काम करने को सहमत हुआ है। इस बड़ी परियोजना का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि चीन ने भी परोक्ष तौर पर इसमें रुचि दिखाई है। इस परियोजना के तहत तीस्ता नदी के पानी के प्रबंधन और संरक्षण के लिए बड़े जलाशय और संबंधित बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की परिकल्पना की गई है।
परियोजना पर यह कदम दोनों देशों के बीच तीस्ता जल बंटवारे पर एक समझौता होने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव के बीच उठाया गया है। इस समझौते पर सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होने थे, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्तियों के कारण इसे अंतिम समय में स्थगित कर दिया गया था। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत उपयुक्त भारतीय सहायता से बांग्लादेश के अंदर तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन की योजना बना रहा है।
इन 10 समझौतों पर हुए साइन
दोनों पक्षों ने डिजिटल क्षेत्र, समुद्री क्षेत्र, समुद्री अर्थव्यवस्था, रेलवे, अंतरिक्ष, हरित प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने दो “विश्वसनीय” पड़ोसियों के बीच कई नए क्षेत्रों में परिवर्तनकारी सहयोग के लिए एक “भविष्यवादी दृष्टिकोण” पर भी सहमति जताई। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच वार्ता का मुख्य जोर डिजिटल और ऊर्जा संपर्क में भारत-बांग्लादेश सहयोग को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना था। साथ ही दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच सीमाओं के शांतिपूर्ण प्रबंधन की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए लोगों के बीच आपसी संपर्क को दोनों देशों के बीच संबंधों का आधार बताया और कहा कि बांग्लादेश से इलाज के लिए भारत आने वाले लोगों के लिए भारत ई-मेडिकल वीजा सुविधा शुरू करेगा।
भारत ने रंगपुर में एक नया सहायक उच्चायोग खोलने का भी फैसला किया है। वार्ता में मोदी और हसीना ने रक्षा उत्पादन और बांग्लादेशी सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया तथा आतंकवाद एवं कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे के साथ-साथ म्यांमार की स्थिति और बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) समूह के ढांचे के तहत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमने 1996 की गंगा जल संधि के नवीनीकरण के लिए तकनीकी स्तर पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है।’ उन्होंने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा, “बांग्लादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन पर, एक तकनीकी दल जल्द ही बातचीत के लिए बांग्लादेश का दौरा करेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बांग्लादेश, भारत का सबसे बड़ा विकास साझेदार है और नई दिल्ली उसके साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश हमारी पड़ोसी प्रथम नीति, ‘एक्ट ईस्ट’ नीति, दृष्टि ‘सागर’ और हिंद-प्रशांत दृष्टि के संगम पर स्थित है। भारत ‘सागर’ या क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के व्यापक नीति ढांचे के तहत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग कर रहा है।
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