सिवनी: मध्यप्रदेश के सिवनी (Seoni in Madhya Pradesh) में नृशंस गोवंश हत्या कांड मामले में शनिवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने सख्त रवैया अपनाया है. सीएम के आदेश के बाद हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच (High level investigation into the murder) हेतु Ad.D.G (CID) पवन श्रीवास्तव एवं टीम घटनास्थल पहुंची. पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें से दो आरोपियों पर NSA (रासुका) लगाया गया है. सीएम ने सोशल मीडिया पर बताया कि घटना में शामिल प्रत्येक आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. मध्यप्रदेश में गौमाता के खिलाफ कोई भी अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
गौवंश की निर्ममता से की गई हत्या के विरोध में आज 22 जून को विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और हिन्दूवादी संगठन के साथ सर्वधर्म के सहयोग से जिला बंद का आह्वान किया था. सभी ने गौमाता के सम्मान में अपनी दुकानों को बंद रखकर अपना समर्थन दिया. इस दौरान सभी चौक चौराहों में पुलिस बल भी तैनात किया गया था.
विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष यज्ञेश लालू चावड़ा ने बताया कि हिन्दू धर्म में गाय को पूजनीय माना गया है. बावजूद इसके कुछ असामाजिक तत्व ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि गौवंश की तस्करी और गौ हत्या की घटनाएं बढ़ रही है. गौवंश की सुरक्षा को लेकर बनाए गए कानून भी नाकाफी हैं, जिसमें शासन को कानून को और कड़ा किए जाने की जरूरत है. ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके. उन्होंने कहा कि आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चले, ताकि ऐसी घटनाएं करने वालों को सबक मिल सके.
बालाघाट सांसद भारती पारधी ने कहा कि बालाघाट ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश बंद होना चाहिए. गौमाता केवल पशु ही नहीं है बल्कि हमारी आस्था का भी केंद्र है. हम हिंदू धर्म में गौ माता में छत्तीस कोटि देव का वास मानते हैं. ये घटना हमारी देवी देवताओं का अपमान है. ये प्री प्लानिंग करके की गई घटना है. इस घटना में जिन लोगों को पकड़ा गया है वे केवल एक माध्यम है परदे के पीछे कई और लोग शामिल हैं. इस घटना में जो भी लोग है उनको पकड़ कर मृत्यु दण्ड जैसी सजा दी जानी चाहिए.
दो दिन पहले सिवनी जिले के धूमा मझगवां और धनौरा में नदी और तालाबों किनारे गोवंशों के शव मिले थे. करीब 58 गोवंश के शवों में गाय और बैल शामिल थे. घटना की सूचना के बाद मौके पर कलेक्टर और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे थे. प्राथमिक जांच में सामने आया कि इन गोवंश की गला रेत कर हत्या की गई थी. गौवंश के कई शवों नदी में भी बहा दिया था.
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