उज्जैन। महाकाल महालोक बनने से यातायात काफी बढ़ गया है। रोजाना हजारों वाहन शहर में प्रवेश कर रहे हैं। वाहनों के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। बीते पाँच माह में जिले में एक हजार से अधिक हादसे हुए हैं। इनमें 126 लोगों की मौत और 870 लोग घायल हुए हैं। बारिश के मौसम में सड़क हादसों की संभावना और बढ़ जाती है।
यातायात विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 में जहाँ 1 हजार 229 सड़क दुर्घटनाओं में 214 लोगों की मौतें हुई थी। इसके बाद इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। वर्ष 2022 में वर्ष 2021 की तुलना में 21 मौतें अधिक हैं। वहीं सड़क हादसों में भी वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में 321 सड़क हादसा ज्यादा हुए हैं। घायल भी 2021 की तुलना में 409 अधिक हैं, वहीं वर्ष 2023 से भी सड़क हादसों सहित मौतों में अधिकता देखने को मिली है। साल 2024 में अभी तक एक हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। बारिश के मौसम में सड़क हादसों की संभावना और बढ़ जाती है। सड़क हादसों को लेकर जारी की गई रिपोर्ट में केवल बरसात के दौरान ही करीब दो हजार से अधिक हादसे हुए थे। हैरानी की बात यह है कि बीते कई महीनों से यातायात पुलिस शहर और ग्रामीण स्तर पर हेलमेट चैकिंग अभियान चला रही हैं। बावजूद अभी भी लोग हेलमेट पहनने से कतरा रहे हैं। हालात ऐसे है कि आमजन तो दूर, जिले के सरकारी कर्मचारी भी हेलमेट नहीं लगा रहे हैं। जबकि शासन द्वारा सभी सरकारी, अद्र्धसरकारी कार्यालयों में आने वाले अधिकारी कर्मचारियों को हेलमेट पहनना अनिवार्य किया हैं। लेकिन अफसोस ऐसा हो नहीं रहा।