नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में चिनाब नदी (Chenab river) पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज (highest rail bridge) से पहली बार ट्रेन को चलाया गया। आठ कोच की यह मेमू ट्रेन (memu train) संगलदान रेलवे स्टेशन से रियासी के बीच 46 किलोमीटर लंबे रूट पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी। इसका ट्रायल सफल (trial done) रहा। अब जल्द ही इस ब्रिज से सीआरएस इंस्पेक्शन के बाद पैसेंजर ट्रेनों का चलना शुरू करा दिया जाएगा। जिस तरह पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले बढ़े हैं, इसे देखते हुए इस ब्रिज की सुरक्षा करना भी बड़ी चुनौती होगी।
हो सकती हैं आतंकवादियों की नजर
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े जानकारों का कहना है कि जिस तरह से आतंकवादियों ने 9 जून को राष्ट्रपति भवन में एनडीए सरकार-3 के शपथ ग्रहण समारोह से करीब एक घंटे पहले रियासी अटैक कर पूरी दुनिया का ध्यान इस ओर खींचने की कोशिश की। इसे देखते हुए उनके लिए दुनिया के इस सबसे ऊंचे आइकॉनिक ब्रिज पर हमला करना टारगेट पर रहेगा। खुफिया एजेंसियां इस पर नजरें बनाए हुए हैं। इससे अगर कोई आतंकवादी ग्रुप इस ब्रिज पर कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश करे तो उनके इरादों को पूरा होने से पहले ही खत्म किया जा सके। चिनाब ब्रिज के अलावा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की और भी जगहों पर हमला करने की कोशिश हो सकती है। इसमें वह फिलहाल गोरिल्ला युद्ध जैसी रणनीति बनाते हुए टेरर अटैक कर भाग जा रहे हैं।
हर नापाक मंसूबों को किया जाएगा नाकाम
दुनिया के इस सबसे ऊंचे ब्रिज पर आतंकवादियों की काली नजर पड़ने से रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने पर्याप्त इंतजाम किए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस ब्रिज के बनने के साथ ही 24 घंटे सातों दिन सिक्योरिटी सुनिश्चित कर दी गई है। कोई भी बाहरी शख्स इस ब्रिज को पार करना तो दूर इसके करीब तक भी नहीं जा सकता। सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से पिछले कुछ समय से आतंकवादी हमले कर रहे हैं। उसे देखते हुए पिछले साल ही पूरे जम्मू-कश्मीर में रेल लाइन, ट्रेनें और रेल यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रिव्यू किया गया था। इसमें जहां-जहां भी जरूरत महसूस की गई, वहां-वहां ना केवल आरपीएफ बल्कि जीआरपी, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है। इसके लिए अलग से कुछ पोस्ट भी क्रिएट की गई। इसमें अब चिनाब ब्रिज पर शुरू होने वाले रेल ट्रैफिक से पहले ही ब्रिज की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना शामिल है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में यह ब्रिज पर्यटन की दृष्टि से भी पर्यटकों को लुभाएगा। इसे देखते हुए भी यहां सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
दूसरे ब्रिज और टनल पर भी लगाई गई है सुरक्षा
सुरक्षा बलों का कहना है कि केवल चिनाब ब्रिज ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर में जहां-जहां भी ट्रेन ट्रैफिक को निकालने के लिए टनल और ब्रिज बनाए गए हैं, इन सभी में जरूरत के मुताबिक सिक्योरिटी कवर दिया गया है। ट्रेन के अलावा राज्य के अन्य तमाम अहम पॉइंट्स पर सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। इसमें कुछ समय से बढ़े आतंकवादी हमलों को देखते हुए सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई भी जा रही है। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे जम्मू-कश्मीर राज्य की सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया था। इसमें अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की समीक्षा करना भी शामिल था। ऐसे में भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से उभर रहे आतंकवाद का खात्मा करने की योजना बना रही है। इसमें स्थानीय लोगों की भी मदद ली जा रही है, ताकि उनके आसपास अगर कोई संदिग्ध शख्स रह रहा है या फिर आता-जाता है तो इसकी सूचना समय रहते ही स्थानीय पुलिस को या फिर अन्य सुरक्षा बलों को दें।
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