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    संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार बेहतर योगासन, जानिए इसके फायदे

  • June 21, 2024

    नई दिल्ली (New Delhi)। संपूर्ण स्वास्थ्य (Complete health) के लिए सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) बेहतर योगासन (Better yoga) है। सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) योग का एक महत्वपूर्ण अभ्यास (Important practice) है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। पहली बार योग करने जा रहे लोग इस बात पर विचारणीय रहते हैं कि किस योग का अभ्यास उनके लिए फायदेमंद होगा। ऐसे में उन्हें सूर्य नमस्कार से शुरूआत करनी चाहिए। न केवल नया योगी, बल्कि नियमित योग करने वाले भी अगर सिर्फ सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते हैं तो उन्हें कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं।


    शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में अत्यंत प्रभावी है। शारीरिक मजबूती और लचीलापन लाने, जैसे मांसपेशियों और जोड़ों की मजबूती के लिए, साथ ही रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में फायदेमंद है।

    इसके अलावा वजन कम करने, हृदय स्वास्थ्य, पाचन में सुधार, रक्त संचार, हड्डियों की मजबूती के लिए भी बेहतर योग है। न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक विकारों, जैसे तनाव और चिंता में कमी, मूड में सुधार, ध्यान और एकाग्रता बढ़ाने में भी सूर्य नमस्कार का अभ्यास कर सकते हैं।

    सूर्य नमस्कार के 12 आसन
    सूर्य नमस्कार इतना प्रभावी व असरदार इसलिए है क्योंकि इसमें 12 अलग-अलग आसनों की श्रृंखला शामिल होती है। यह शरीर की सभी मांसपेशियों को सक्रिय करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। इन 12 आसनों का सही और नियमित अभ्यास करने से शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास सुबह के समय करना विशेष रूप से लाभकारी होता है, क्योंकि यह शरीर को दिनभर के लिए ऊर्जावान और ताजगी से भर देता है।

    प्रणामासन
    इस आसन में शरीर प्रणाम की मुद्रा में होता है। इसके लिए सीधा खड़े होकर अपने पैरों को पास रखते हुए हाथों को छाती के सामने नमस्कार मुद्रा में जोड़ना चाहिए। प्रणामासन के अभ्यास से मानसिक एकाग्रता और शांति बढ़ती है।

    अभ्यास का तरीका
    दोनों पंजे जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं
    छाती को फुलाएं और कंधे ढीले रखें
    श्वास लेते हुए दोनों हाथ बगल से ऊपर उठाएं
    श्वास छोड़ते हुए हथेलियों को जोड़ें और छाती के सामने प्रणाम मुद्रा में ले आएं।

    हस्त उत्तानासन
    यह आसन पीठ और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसके अभ्यास के लिए हाथों को ऊपर उठाते हुए पीछे की ओर झुकें और कमर को भी पीछे की ओर मोड़ें।

    अभ्यास का तरीका
    स्टेप 1- श्वास लेते हुए हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं।
    स्टेप 2- ऊपरी धड़ और सिर के पीछे की तरफ हल्का कर्व बनाएं।
    स्टेप 3- हाथों को ऊपर उठाएं और शरीर को पीछे की ओर मोड़ें।
    स्टेप 4- इस मुद्रा में 20 सेकंड रहे और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।

    हस्तपादासन
    यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और हैमस्ट्रिंग्स को खींचता है।

    अभ्यास का तरीका
    स्टेप 1- सांस भीतर खींचते हुए कमर को मोड़कर आगे की ओर झुकें
    स्टेप 2- हिप्स को ऊपर उठाते हुए हाथों को पंजे के बगल में जमीन पर रखें।
    स्टेप 3- सीना पैर को छूता रहे और सिर को नीचे की ओर झुकाते हुए टांगों के बीच से झांकते रहें।
    स्टेप 4- 10-30 सेकेंड इसी अवस्था में रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

    अश्व संचालनासन
    इस आसन में दाएं पैर को पीछे ले जाते हैं और बाएं घुटने को मोड़कर हाथों को फर्श पर रखते हैं। इस तरह का अभ्यास हिप्स और पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

    अभ्यास का तरीका
    स्टेप 1- घुटनों के बल खड़े होकर दाएं पैर को आगे लाकर जमीन पर रखें।
    स्टेप 2- दाएं पैर को जितना हो सके आगे रखें और घुटने से 90 डिग्री का कोण बनाएं।
    स्टेप 3- बाएं पैर के घुटनों और पंजों को जमीन पर रखें और थोड़ा आगे झुकें।
    स्टेप 4- थोड़ा-थोड़ा आगे झुकते हुए दोनों हाथों को दाएं पैर के पास रखें और सामने देखें।

    दंडासन
    दंडासन के अभ्यास का सबसे बड़ा लाभ यही है कि यह संपूर्ण शरीर को मजबूत बनाता है।

    अभ्यास का तरीका
    स्टेप 1- बैठकर दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाते हुए आपस में चिपकाएं।
    स्टेप 2- पैरों की उंगलियों को शरीर की ओर खींचते हुए हाथों को सीधा और हथेलियों को फर्श पर रखें।
    स्टेप 3- गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए छाती को उठाएं।
    स्टेप 4- कंधों पर खिंचाव लाते हुए सामने की ओर देखें और गहरी सांस लें।

    अष्टांग नमस्कार
    कंधों, भुजाओं और छाती को मजबूत बनाने के लिए अष्टांग नमस्कार का नियमित अभ्यास कर सकते हैं।

    अभ्यास का तरीका
    पेट के बल लेटकर दोनों हाथों को पसलियों के पास लाएं और गहरी सांस बाहर की तरफ छोड़ें। हथेलियों के बल ऊपर उठने की कोशिश करते हुए पैर, घुटने, ठोड़ी से जमीन को छूते रहें। अन्य सभी अंग हवा में उठाएं, हिप्स और पेट को हल्का ऊपर उठाएं। अभ्यास के दौरान श्वास रोककर रखें और सांस खींचते हुए सामान्य हो जाएं।

    भुजंगासन
    इस आसन से वजन कम होता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत और थकान कम करके शरीर को लचीला बनाता है।

    अभ्यास का तरीका
    पेट के बल सीधा लेटकर पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें
    हाथों को छाती के पास ले जाते हुए हथेलियों को नीचे टिकाएं
    गहरी सांस लेते हुए नाभि को ऊपर उठाएं और आसमान की तरफ देखें।
    कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं।

    पर्वतासन
    यह आसन शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करता है। फेफड़ों और ब्लड सर्कुलेशन के लिए अच्छा है।

    अभ्यास का तरीका
    पैरों को सामने फैलाकर हाथों को शरीर के बगल में रखते हुए दाहिने पैर को बाईं जांघ पर रखें।
    बायां पैर दाईं जांघ पर रखते हुए कुछ सेकेंड गहरी सांस लें और नमस्कार की मुद्रा में हथेलियों को सिर के ऊपर ले जाएं।
    हिप्स को जमीन पर और हाथों को ऊपर की ओर खींचे।
    कुछ सेकेंड इसी मुद्रा में रहते हुए धीरे धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।

    अधोमुख श्वानासन
    यह आसन शरीर को तनावमुक्त करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है।

    अभ्यास का तरीका
    पेट के बल लेटकर सांस खींचते हुए पैरों और हाथों के बल शरीर को उठाएं।
    कोहनी और घुटनों को सख्त रखते हुए हिप्स को ऊपर उठाएं और शरीर को उल्टे V का आकार दें।
    हाथों से जमीन पर दबाव देते हुए दृष्टि को नाभि पर केंद्रित करें।
    कुछ सेकेंड रुकने के बाद घुटने जमीन पर टिका दें और मेज जैसी स्थिति में फिर से वापस आ जाएं।

    अश्व संचालासन दूसरी ओर
    पहले सेट की तरह ही यह आसन भी किया जाएगा लेकिन पहली बार में आपने दाएं पैर को आगे करके बाएं घुटने को मोड़ा था। इस बार बाएं पैर को आगे लाना है और दाएं पैर को पीछे रखते हुए, हाथों को फर्श पर टिकाना है।

    अभ्यास का तरीका
    स्टेप 1- घुटनों के बल खड़े होकर दाएं पैर को आगे लाकर जमीन पर रखें।
    स्टेप 2- दाएं पैर को जितना हो सके आगे रखें और घुटने से 90 डिग्री का कोण बनाएं।
    स्टेप 3- बाएं पैर के घुटनों और पंजों को जमीन पर रखें और थोड़ा आगे झुकें।
    स्टेप 4- थोड़ा-थोड़ा आगे झुकते हुए दोनों हाथों को दाएं पैर के पास रखें और सामने देखें।

    पादहस्तासन
    इस आसन को भी दोहराना होता लेकिन दूसरी ओर से। श्वास में श्वास को छोड़ते हुए बाएं पैर को आगे लाकर अपने हाथों को पैरों के पास फर्श पर रखा जाता है। पाद हस्तासन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी लचीली और हैमस्ट्रिंग्स को खिंचाव मिलता है।

    अभ्यास का तरीका
    स्टेप 1- सांस भीतर खींचते हुए कमर को मोड़कर आगे की ओर झुकें
    स्टेप 2- हिप्स को ऊपर उठाते हुए हाथों को पंजे के बगल में जमीन पर रखें।
    स्टेप 3- सीना पैर को छूता रहे और सिर को नीचे की ओर झुकाते हुए टांगों के बीच से झांकते रहें।
    स्टेप 4- 10-30 सेकेंड इसी अवस्था में रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

    ताड़ासन
    ताड़ासन का अभ्यास मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ाने में सहायक है। इसका अभ्यास करने के लिए शरीर को सीधा रखकर हाथों को नीचे लाना होता है। इस दौरान श्वास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

    अभ्यास का तरीका
    हाथ को शरीर के बगल में रखकर सीधे खड़े हो जाएं।
    अब हाथों को सिर के ऊपर रखते हुए एड़ियों को ऊपर उठाएं।
    जितना हो सके शरीर को स्ट्रेच करें।
    कुछ देर इसी स्थिति में रुके, फिर सांस छोड़ते हुए पुरानी स्थिति में आ जाएं।

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