भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के निवाड़ी जिले (Niwari district) में स्थित श्रीराम राजा लोक (Shri Ram Raja Lok) के निर्माण के लिए लगातार काम चल रहा है. श्रीराम राजा लोक (Shri Ram Raja Lok) का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ओरछा (Orchha) पहले से भव्य और दिव्य दिखेगा. साथ ही राजा राम की नगरी में अत्याधुनिक सुविधाएं भी मिल सकेंगी. इसके लिए ओरछा में लगातार निर्माण कार्य चल रहा है. पथरीला इलाका होने की वजह से यहां खुदाई के लिए भारी-भरकम मशीनों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. JCB से खुदाई के दौरान अचानक से अजीब सी आवाज आई. इससे जेसीबी ऑपरेटर और वहां मौजूद लोग भी चौंक गए. बताया जा रहा है कि जमीन मे अंदर 500 साल पुराना ढांचा (500 year old structure) मिला है. अब इस जगह को ASI ने अपने कब्जे में लिया है. बताया जा रहा है कि अब यहां खुदाई में भारी-भरकम मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले स्थित ओरछा में श्रीराम राजा लोक का निर्माण कार्य चल रहा है. इसकी खुदाई में ऐतिहासिक ढांचे मिलने का दावा किया जा रहा है। यहां 500 साल पुराना मंदिर, कमरा और बावड़ी मिली है. जमीन के अंदर से प्राचीन मंदिर का कलश भी मिला है। यह कलश करीब-करीब 5 फीट ऊंचा है. ऐतिहासिक सामग्री और ढांचा मिलने के बाद जिला प्रशासन ने फिलहाल खुदाई का काम रोक दिया है. अब आगे की खुदाई ASI (भारतीय पुरातत्व विभाग) के विशेषज्ञों की देखरेख में होगी. एएसआई का कहना है कि इससे पहले भी यहां एक पुरानी बस्ती मिल चुकी है. अब यहां खुदाई मशीनों से नहीं, बल्कि हाथों से होगी।
श्रीराम राजा लोक
ओरछा में श्रीराम राजा लोक का काम तेजी से चल रहा है. यहां फिलहाल VIP पार्किंग के पास खुदाई चल रही है. 16 जून 2024 को भी विशेषज्ञों की देखरेख में मजदूर और जेसीबी यहां खुदाई कर रह थे, तब अचानक उन्हें कुछ दिखाई दिया. यह देखते ही उन्होंने काम रोक दिया और विशेषज्ञों को इसकी सूचना दी. विशेषज्ञों की जांच में मंदिर, कमरा, कलश और बावड़ी दिखाई दिए. कलश काफी ऊंचा और भारी है. यह करीब 5 फीट का है. विशेषज्ञों ने इन अवशेषों की जांच के बाद बताया कि यह सबकुछ 500 साल पुराना है. इससे पता चलता है कि यहां किसी जमाने में मंदिर रहा होगा और लोग बावड़ी का इस्तेमाल करते होंगे।
ओरछा है ऐतिहासिक
ऐतिहासिक चीजें मिलने के बाद अब जिला प्रशासन ने फिलहाल खुदाई रोक दी है. यहां अब एएसआई की टीम आएगी और अवशेषों की गहराई से जांच करेगी. उनकी देखरेख में ही आगे की खुदाई होगी. ये खुदाई अब हाथों से होगी. मशीनों का इस्तेमाल नहीं होगा. एएसआई के क्यूरेटर घनश्याम बाथम ने बताया कि प्राचीन अवशेष मिलने की खबर अच्छी है. यह अवशेष 500 साल पुराने हैं. ओरछा नगरी धार्मिक शहर होने के साथ-साथ पुरातत्व की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. पहले भी यहां राजमहल का रेनोवेशन किया जा चुका है. उस वक्त भी एक पूरी बस्ती के अवशेष हमें मिल चुके हैं. इन पुरातात्विक धरोहरों के मिलने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ओरछा बहुत पुराना और समृद्ध शहर रहा होगा।
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