नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू-आईएनडी) (Financial Intelligence Unit (FIU-IND) ने दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज (World’s largest crypto currency exchange) बाइनेंस (Binance) पर 18.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही बाइनेंस को भारतीय निवेशकों से जुड़े लेन-देन के सभी रिकार्ड को मेंटेन करने और भारतीय नियमों का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है।
फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने कुछ समय पहले ही 9 विदेशी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 का अनुपालन नहीं करने और भारत में रजिस्ट्रेशन नहीं कराने के आरोप में ब्लॉक किया था। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट की जांच में पिछले साल दिसंबर में इस बात का पता चला था कि बाइनेंस समेत होऊबी, कुकॉइन और ओकेएक्स जैसे 9 विदेशी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज भारतीय कानून के तहत रजिस्टर्ड नहीं हैं। इसके साथ ही इन क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों द्वारा पीएमएलए 2002 के नियमों का अनुपालन नहीं करने की बात का भी पता चला था।
इस बात की जानकारी होने के बाद इस साल जनवरी में इन क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के यूआरएल को ब्लॉक करने का आदेश दिया गया था। इसके साथ ही एपल और गूगल के प्ले स्टोर से इन क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों के ऐप को हटा दिया गया था। इन क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के सामने शर्त रखी गई थी कि भारत में अपना कारोबार जारी रखने के लिए वे भारतीय कानून के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा लें और पीएमएलए 2002 के प्रावधानों को मानने का वचन दें।
भारत में कारोबार पर रोक लगने के बाद बाइनेंस की प्रतिद्वंद्वी कंपनी कुकॉइन ने 34.50 लख रुपये का जुर्माना चुकाने के बाद भारत में अपना रजिस्ट्रेशन भी करा लिया और कामकाज की शुरुआत भी कर दी। दूसरी ओर ओकेएक्स ने 30 अप्रैल के बाद भारत में अपने कामकाज को पूरी तरह से बंद कर दिया। भारत सरकार के कड़े तेवर के बाद बाइनेंस में भी शुरुआती रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। ऐसे में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा लगाए गए 18.82 करोड़ रुपये के जुर्माने को अदा करने के बाद ये कंपनी भी भारत में क्रिप्टो करेंसी का अपना कारोबार दोबारा शुरू कर सकेगी।
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