इंदौर। भाजपा (BJP) राजनीति (Politics) में महिलाओं (Women) के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण (33 percent reservation) की वकालात करती है, लेकिन भाजपा की परिषद ही इसका पालन नहीं कर पा रही है। इंदौर (Indore) में महिलाओं को पार्षद तो बनाया, लेकिन उनके पति ही सारे कामकाज निपटाते हैं। कल महापौर (Mayor) द्वारा बुलाई गई बैठक में भी महिला पार्षदों के साथ उनके पति पहुंच गए।
कल झोन अध्यक्षों की बैठक में यह नजारा दिखा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने झोन अध्यक्षों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने उनके क्षेत्र में किए जाने वाले कामों को लेकर चर्चा की थी। बैठक में नगर निगम झोन अध्यक्ष गजानंद गावड़े ही अनुपस्थित रहे, बाकी सभी बैठक में शामिल हुए। इनमें से कई झोन पर भाजपा की महिला पार्षद काबिज हैं, लेकिन उनके साथ उनके पति भी इस महत्वपूर्ण बैठक में आए। दो नंबर झोन की अध्यक्ष मीता राठौर के साथ उनके पति रामबाबू राठौर, झोन 8 में संगीता जोशी के साथ महेश जोशी, झोन 12 में रूपा पांडे के साथ उनके पति दिनेश पांडे, झोन 15 से हरप्रीत लूथरा और उनके पति प्रीतम लूथरा सहित दूसरे पार्षद पति भी बैठक में पहुंच गए। महिला पार्षद तो चुप बैठी रहीं, लेकिन उनके पति सवाल-जवाब करते रहे। उन्होंने अपने झोन के अंतर्गत आने वाले वार्डों को लेकर महापौर से बात की और कामों की सूची थमाई। सवाल उठता है कि भाजपा ही अपनी परिषद में महिलाओं के आरक्षण का पालन नहीं कर पा रही है?
तब हर्षिका सिंह ने हडक़ाया था
पिछले साल जब नगर निगम में पार्षदों की बैठक बुलाई थी, तब महिला पार्षदों के साथ उनके पति पहुंच गए थे और कई पार्षद पति महिलाओं को घर छोड़ खुद ही मीटिंग में आ गए थे। तब की निगामायुक्त हर्षिका सिंह इन पर भडक़ गई थी और उन्होंने सभी पार्षद पतियों को बैठक से बाहर निकाल दिया था। इस पर कुछ ने आपत्ति भी ली थी तो सिंह का कहना था कि क्या आप लोग फाइल पर साइन करोगे? इसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।
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