डेस्क: डायबिटीज बेहद गंभीर बीमारी है और दुनियाभर में महामारी की तरह पैर पसार रही है. भारत में डायबिटीज के 10 करोड़ से ज्यादा मरीज हैं और करीब 15 करोड़ लोगों पर इस बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. आंकड़ों के लिहाज से देखें तो देश की बड़ी आबादी पर डायबिटीज कहर बरपा रही है. डायबिटीज होने पर लोगों का ब्लड शुगर तेजी से बढ़ जाता है और इसे कंट्रोल करने के लिए दवाएं व इंसुलिन लेनी पड़ती है. डायबिटीज सुनने में भले ही साधारण सी बीमारी लगती है, लेकिन यह शरीर को बेहद तेजी से खोखला बना देती है.
हेल्थ डिपार्टमेंट की डॉ. ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल करने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक ब्लड शुगर अनकंट्रोल रहे, तो यह शरीर के नर्वस सिस्टम पर अटैक करना शुरू कर देता है. बेकाबू ब्लड शुगर शरीर के अंगों की नर्व डैमेज करने लगता है, जिसे मेडिकल की भाषा में डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है. यह एक गंभीर कंडीशन होती है, जिसकी चपेट में आने से शुगर के मरीजों की मौत का खतरा कई गुना बढ़ सकता है.
डॉक्टर ने बताया कि डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे सभी लोगों को डायबिटिक न्यूरोपैथी का खतरा होता है और कोई भी चपेट में आ सकता है. हालांकि जिन लोगों का शुगर लेवल लगातार हाई रहता है और उन्हें लंबे समय से डायबिटीज है, तो नर्व डैमेज का रिस्क बढ़ जाता है. शुगर के जिन मरीजों का वजन ज्यादा है या जो लोग मोटापे से जूझ रहे हैं, ऐसे लोगों को डायबिटिक न्यूरोपैथी को लेकर ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. 40 साल से ज्यादा उम्र के डायबिटिक लोगों को भी नर्व डैमेज का खतरा होता है. हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल भी डायबिटीज में इसका खतरा बढ़ा देते हैं.
यूएस के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन की रिपोर्ट बताती है कि टाइप 2 डायबिटीज के 50% मरीज डायबिटिक न्यूरोपैथी का शिकार हो जाते हैं, जबकि टाइप 1 डायबिटीज के 28 फीसदी मरीज नर्व डैमेज का सामना कर रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शुगर के करोड़ों मरीजों पर नर्व डैमेज का खतरा मंडरा रहा है. इससे बचने के लिए लोगों को अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना चाहिए और इसकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग करनी चाहिए. शुगर कंट्रोल करने में डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और दवा का अहम योगदान होता है.
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