नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 24 साल बाद उत्तर कोरिया की यात्रा पर हैं. उनको रिसीव करने के लिए उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग खुद एयरपोर्ट पहुंचे. इस यात्रा में पुतिन के साथ 10 मंत्रियों का हाई लेवल डेलीगेशन भी उत्तर कोरिया पहुंचा है. रूसी मीडिया ‘इंटरफैक्स’ ने बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया के साथ रणनीतिक साझेदारी समझौते के आदेश पर दस्तखत किए हैं. टास न्यूज एजेंसी के मुताबिक ये समझौता 1961 और 2000-2001 की ट्रीटी की जगह ले लेगा.
दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर साइन करने का आदेश 17 जून को जारी किया गया था. पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने मॉस्को और प्योंगयांग के बीच दौरे के दौरान साइन होने वाले डॉक्यूमेंट्स में इस डॉक्यूमेंट्स को सबसे अहम बताया है. हालांकि उन्होंने इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है, उन्होंने कहा था, ‘यदि समझौते पर साइन किए जाते हैं, तो यह दोनों देशों के भविष्य में सहयोग की संभावनाओं को खोलेगा.’
उत्तर कोरिया पर यूक्रेन जंग में रूस को मिसाइल और हथियार देने का आरोप है. इस समझौते में उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग भी शामिल है. रूस ने यूक्रेन जंग के बाद से चीन, उत्तर कोरिया और ईरान आदि के साथ अपनी करीबी बढ़ाई है. उषाकोव ने बताया कि ये समझौता रूस की हालिया अंतरराष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा. रूसी राष्ट्रपति पुतिन की ये यात्रा दो दिनों तक चलेगी, जिसमें मुख्य कार्यक्रम 19 जून को होने है.
18 जून को पुतिन का उत्तर कोरिया के लिए लिखा एक लेख उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज रोडोंग सिनमुन ने छापा है. अपने लेख में पुतिन ने उत्तर कोरिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से निपटने के लिए एक नई प्रणाली बनाने की बात कही है. इस लेख में खास तौर से पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ उत्तर कोरिया के समर्थन का उल्लेख किया है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved