बीजिंग: अमेरिका में हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की पूर्व स्पीकर नैंसी पेली (Nancy Pelly) तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा (Dalai Lama) से मिलने भारत पहुंची हैं। उनके साथ 6 सांसदों (6MP) का प्रतिनिधिमंडल भी है। यह प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को धर्मशाला (dharmashaala) पहुंचा और बुधवार सुबह दलाई लामा से मिलेगा। धर्मशाला पहुंचने पर नैंसी पेलोसी ने कहा कि वह दलाई लामा से मिलने के लिए बहुत उत्साहित है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका दलाई लामा के साथ किसी भी तरह से संपर्क से दूर रहे। चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दलाई लामा पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि वह महज धार्मिक व्यक्ति नहीं है, बल्कि राजनीतिक हस्ती हैं, जो धर्म का चोला पहन कर चीन के खिलाफ अलगाववादी राजनीति कर रहे हैं।
क्या है अमेरिकी बिल में?
अमेरिका ने हाल ही में एक ऐसा बिल पास किया है, जिससे तिब्बत पर चीन के दावे को चुनौती मिलती है। इसमें चीन और दलाई लामा के बीच संवाद की बात पर जोर दिया है। 12 जून को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 391-26 के बहुमत से पास होने के बाद इस बिल को सीनेट की हरी झंडी मिल गई है। इस बिल में बीजिंग की तरफ से तिब्बत के बारे में फैलाई जा रही ‘गलत सूचना’ का मुकाबला करने के लिए धन मुहैया करना भी शामिल है।
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चीन की बाइडन से अपील
बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बाइडन से अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित तिब्बत विधेयक (प्रमोटिंग ए रेजोल्यूशन टू द तिब्बत चीन डिस्प्यूट एक्ट) पर हस्ताक्षर न करने की अपील है। दरअसल, बिल को कानून बनने के लिए बाइडन के हस्ताक्षर का इंतजार है। ये बिल चीन के इस दावे को खारिज करता है कि तिब्बत हमेशा से उसका हिस्सा रहा है।
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