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    जिद की मेट्रो जमीन पर… इंदौर को मिली ताकतवर जुबान… नहीं होगा एम.जी. रोड कुर्बान…

  • June 18, 2024

     

    सुकून की सांस…शहर की जीवनरेखा बने एमजी रोड की चीर-फाड़ कर गर्भ से मेट्रो निकालने की जानलेवा योजना पर कल मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विराम लगाते हुए शहरवासियों और खासतौर पर इस मार्ग के व्यापारिक प्रतिष्ठानों, कारोबारियों और दुकानदारों की बढ़ती धडक़नों को राहत पहुंचा दी… जो बरसों से अपनी उजड़ी राहों की कल्पना मात्र से तनाव में थे… ऊलजुलूल दिमागों की उपज बने एमजी रोड से मेट्रो को एयरपोर्ट तक पहुंचाने की सनक में सरकारी एजेंसियों की वह बंधुआ सोच शामिल रही, जिसने आदेश का पालन करते हुए सर्वे रिपोर्ट तो बना डाली, लेकिन उस योजना के क्रियान्वयन से पैदा होने वाली मानवीय त्रासदी के पहलू को सोचने की जहमत तक नहीं उठाई… शहर के दर्द को समझने वाला तो कोई जिम्मेदार जनप्रतिनिधि था ही नहीं …शिवराज के तानाशाह शासन ने विधायकों की बोलती बंद कर रखी थी तो सांसद ताई भी दिल्ली की शहंशाही में मस्त थीं…उन्होंने भी तब विरोध जताया, जब उन्हें पार्टी ने घर बैठाया और केवल जुबानी झुनझुना थमाया…यदि वो समय पर शक्ति दिखातीं…शहर का दर्द समझ पातीं…शहर की मुश्किलों पर गौर फरमातीं और शिवराज की शहंशाही के लिए ब्रह्मास्त्र उठातीं तो शायद अब तक हुआ करोड़ों का कबाड़ा बच जाता… अब जब कमान शहर और शहरियों से तार्रूफ रखने वाले विजयवर्गीय के हाथों में आई…प्रदेश में मोहन सरकार की सोच ने ताकत बनाई…तब नेता तो नेता जनता की जुबान को भी सोचने-समझने की जहमत सरकार ने उठाई और एक ही बैठक में ताबड़तोड़ फैसला लेते मंत्री विजयवर्गीय ने वैकल्पिक तैयारियों के निर्देश दे डाले…वैसे भी मेट्रो भविष्य की योजना है…मेट्रो विस्तार का सेतु है…मेट्रो गति का पर्याय है…इसे दो शहरों को मिलाने…शहर के विस्तार को उपनगरीय व्यवस्था के लिए सुलभ बनाने और शहर से शहर की दूरी घटाने के लिए काम में लिया जाना चाहिए… मेट्रो को देवास, महू से लेकर उज्जैन तक को जोडऩे के लिए चलाया जाना चाहिए… शहर में तो पुलों का जाल बिछाना चाहिए… सिटी बसों की तादाद बढ़ाना चाहिए… लोक परिवहन को सुलभ बनाना चाहिए… अंडरग्राउंड के बजाय ओवरग्राउंड के विकल्प को उपयोग में लाना चाहिए…विस्तारित होते शहर में दूसरे बायपास से लेकर पश्चिमी रिंग रोड के व्यवस्थित विस्तार की योजना बनानी चाहिए…लोगों को उजाडऩे, कारोबार को बिगाडऩे और शहर को परेशानी में डालने वाली भूगर्भीय मेट्रो की योजना को विराम देकर वैकल्पिक उपाय खोजने का निर्देश जहां मुखर रहा, वहीं बचे मेट्रो कॉरिडोर को महू और देवास, उज्जैन तक विस्तारित करने की योजना पब्लिक-प्राइवेट सेक्टर के तहत पूरी की जाना चाहिए…और जब तक मेट्रो एयरपोर्ट से नहीं जुड़े, तब तक रेडिसन चौराहे तक की दौड़ भी रुकना चाहिए, वरना खाली-खाली मेट्रो उम्मीदों की मौत बन जाएगी और हाथी पालने वाले खर्च की घंटी सरकार के गले में बंध जाएगी…

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    निगम का ऐसा टैंकर... जिसको देखकर दहशत में लोग

    Tue Jun 18 , 2024
    चलता है तो पूरा बोनट ही हिलता है, दरवाजे भी रस्सी से बांधे, पूरा टैंकर हो रहा है खस्ताहाल इन्दौर। नगर निगम (municipal corporation) के पास वाहनों (Vehicles) का अंबार है, लेकिन इनमें कई खटारा वाहनों (junk vehicles) को भी सडक़ों पर दौड़ाया जा रहा है। इनमें एक पानी का टैंकर (water tanker) ऐसा है, […]
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