नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा स्पीकर (Lok Sabha Speaker) का चुनाव (Election) इस बार दिलचस्प हो सकता है. वो इसलिए क्योंकि सत्ता और विपक्ष (Power and opposition), दोनों ही स्पीकर के लिए उम्मीदवार (Candidate for Speaker) उतार सकते हैं. अगर विपक्षी INDIA ब्लॉक भी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारता है, तो ये पहली बार होगा, जब स्पीकर के पद के लिए जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा।
आजाद भारत में अब तक लोकसभा स्पीकर को हमेशा सर्वसम्मति से चुना गया है. और सिर्फ चार स्पीकर- एमए अयंकर, जीएस ढिल्लों, बलराम जाखड़ और जीएमसी बालयोगी ही ऐसे रहे हैं, जिन्हें दोबारा इस पद के लिए चुना गया है।
बहरहाल, इस बार INDIA ब्लॉक अब स्पीकर का चुनाव भी लड़ सकता है. दरअसल, विपक्षी गठबंधन डिप्टी स्पीकर का पद मांग रहा है। उसका कहना है कि अगर डिप्टी स्पीकर का पद नहीं मिलता है, तो फिर वो स्पीकर का चुनाव भी लड़ेंगे. कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि अगर सरकार किसी विपक्षी नेता को डिप्टी स्पीकर बनाने पर सहमत नहीं हुई तो हम स्पीकर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे।
कब होंगे स्पीकर-डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव?
1919 में ब्रिटिश इंडिया में भारत सरकार एक्ट लागू किया गया था. इसके तहत ही लोकसभा और राज्यसभा का गठन हुआ था. तब लोकसभा को सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली और राज्यसभा को काउंसिल ऑफ स्टेट्स कहा जाता था। संविधान के अनुच्छेद 93 में लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव का प्रावधान किया गया है. लोकसभा में जीवी मावलंकर पहले स्पीकर और एमए अयंगर पहले डिप्टी स्पीकर थे।
लोकसभा स्पीकर का चुनाव 26 जून को होगा. जबकि, डिप्टी स्पीकर के चुनाव की तारीख स्पीकर तय करेंगे. 24 जून से संसद का विशेष सत्र शुरू हो रहा है. दो दिन नए सांसदों को शपथ दिलवाई जाएगी. 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा. 27 जून को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी।
कैसे होगा लोकसभा स्पीकर का चुनाव?
आम चुनाव होने और नई सरकार के गठन के बाद नए सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है. प्रोटेम स्पीकर आमतौर पर लोकसभा के सबसे सीनियर सांसद को बनाया जाता है। प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही लोकसभा स्पीकर का चुनाव होता है. आम चुनाव के बाद सरकार और विपक्ष मिलकर स्पीकर के लिए उम्मीदवार का नाम घोषित करते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री या संसदीय कार्य मंत्री उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव करते हैं. बताया जा रहा है कि 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा स्पीकर के उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव पेश करेंगे।
अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार हैं तो फिर बारी-बारी से प्रस्ताव रखा जाता है और जरूरत पड़ने पर वोटिंग भी कराई जाती है. जिसके नाम का प्रस्ताव मंजूर होता है, उसे स्पीकर चुना जाता है। स्पीकर का कार्यकाल उनके चुनाव की तारीख से लेकर अगली लोकसभा की पहली बैठक के ठीक पहले तक होता है. यानी, जब तक 18वीं लोकसभा की पहली बैठक नहीं होती, तब तक ओम बिरला ही स्पीकर रहेंगे।
डिप्टी स्पीकर का चुनाव कैसे होता है?
स्पीकर के चुनाव की तारीख राष्ट्रपति तय करते हैं, जबकि डिप्टी स्पीकर के चुनाव की तारीख स्पीकर की ओर से तय की जाती है। डिप्टी स्पीकर का चुनाव भी वैसे ही होता है, जैसे स्पीकर का चुनाव होता है. अगर एक ही उम्मीदवार है तो सदन में उसका प्रस्ताव रखा जाता है और पास किया जाता है. अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार हैं तो फिर वोटिंग कराई जाती है।
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