नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में रंगापानी स्टेशन के करीब सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन में आज सुबह एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी. इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई. वहीं, करीब 50 लोग घायल हो गए. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कंचनजंगा धीमी रफ्तार में चल रही थी, तभी पीछे से तेज रफ्तार में आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मार दी. टक्कर के बाद कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए.
उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल के मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि सुबह करीब 8:45 बजे ट्रेन नंबर 13174, कंचनजंगा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदह के लिए रवाना हुई थी, तभी वो हादसे का शिकार हो गई. रेलवे बोर्ड की सीईओ और चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि हादसे में 5 यात्रियों की मौत हुई है, इसके अलावा मालगाड़ी के लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड की भी जान गई है. घटनास्थल न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर दूर था. हादसे में घायल लोगों को सिलीगुड़ी के मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है. राहत-बचाव कार्य खत्म हो गया है.
जया वर्मा सिन्हा ने रेल हादसे की वजह पर बात करते हुए बताया कि सोमवार की सुबह यह हादसा हुआ. कंचनजंगा ट्रेन जो कि अगरतला से सियालदाह जा रही थी, हादसे का शिकार हो गई. एक मालगाड़ी ने पीछे से सिग्नल को अनदेखा करके कंचनजंगा एक्सप्रेस में टक्कर मार दी. इसकी वजह से कंचनजंगा एक्सप्रेस का जो सबसे पिछला गार्ड का डिब्बा था, वह पूरी तरह छतिग्रस्त हो गया. उस गार्ड के डिब्बे के आगे दो पार्सल वैन (डिब्बे) लगे हुए थे. यही कारण रहा कि ज्यादा संख्या में यात्रियों को हानि नहीं हुई.
उन्होंने बताया कि हादसे के बाद जलपाईगुड़ी में रेलवे का एरिया ऑफिसर और एडीआरएम तुरंत मौके पर अपनी टीम के साथ पहुंच गए थे. इसके अलावा लोकल लोग वहां जल्दी पहुंच गए थे. राज्य और जिला प्रशासन के लोग भी मौके पर थे. इस हादसे में कुल 8 लोगों की मौत हुई है जिसमें 5 पैसेंजर्स, एक लोको पायलट (मालगाड़ी का), एक असिस्टेंट लोको पायलट (मालगाड़ी का) और एक गार्ड (कंचनजंगा एक्सप्रेस का) शामिल है. बाकी घायल लोगों को नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है.
जया वर्मा ने बताया कि हादसे में करीब 50 लोग घायल हैं, जिन्हें एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया है. रेलवे के अस्पताल के डॉक्टर भी वहां पहुंच गए हैं और घायलों का इलाज कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमने घायल लोगों को मेडिकल हेल्प देने का काम किया. हमारी पूरी कोशिश है कि घायलों की जान बच जाए. अगरतला से लेकर सियालदाह तक जिन स्टेशन पर ये ट्रेन रुकती थी, वहां के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. रेलवे बोर्ड की चेयरमैन ने कहा कि जो ट्रेन हादसे का शिकार हुई है उसके बच्चे हुए डिब्बों के साथ उसे गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा.
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