नई दिल्ली: लोकसभा स्पीकर का चुनाव 26 जून को होना है. ऐसे में अभी से ही स्पीकर पद को लेकर NDA और I.N.D.I.A अलायंस में शामिल दलों के बीच जुबानी हमले तेज हो गए हैं. I.N.D.I.A अलायंस के नेताओं ने NDA के घटक दल टीडीपी को लोकसभा स्पीकर के पद पर समर्थन देने की बात कही है तो दूसरी ओर जेडीयू ने भी अपने इरादे साफ कर दिए हैं.
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा, “कांग्रेस जो कर रही है, वह ध्यान भटकाने वाला है, यह गलत है. क्योंकि परंपरा यह है कि सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी ही स्पीकर के बारे में फैसला लेती है. बीजेपी जो भी फैसला लेगी, हम उसका समर्थन करेंगे.”
लोकसभा स्पीकर पर टीडीपी ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार खड़ा किया जाना चाहिए. टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ”एनडीए के सहयोगी स्पीकर पद के चुनाव को लेकर एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि स्पीकर के लिए उम्मीदवार कौन होगा. आम सहमति बन जाने के बाद हम उस उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे और टीडीपी समेत सभी सहयोगी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे.”
हालांकि, टीडीपी ने स्पीकर की कुर्सी पर अपना दावा पेश करने के विकल्प को खारिज नहीं किया है. ऐसे में जेडीयू के रुख से बीजेपी की स्थिति मजबूत हुई है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो पार्टी स्पीकर का पद अपने उम्मीदवार के लिए रखना चाहती है और उसने इस बारे में अपने सहयोगियों से बात भी कर ली है. क्योंकि 1999 में बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA सरकार सत्ता में थी और उस दौरान सरकार को विश्वास मत से गुजरना पड़ा था, जो वह संसद में नहीं बन पाई. उस समय टीडीपी सांसद जीएमसी बालयोगी स्पीकर थे.
एनडीए सरकार के लिए टीडीपी और जेडीयू का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले 240 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के आंकड़े 272 से कम हैं. इसके अलावा टीडीपी को 16 सीटें मिलीं, जबकि जेडीयू को 12 सीटें मिलीं. इसी के बाद ही NDA को पूर्ण बहुमत मिल पाया.
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