उज्जैन (Ujjain)। गंगा दशहरे ( Ganga Dussehra) की भस्म आरती (Bhasma Aarti) में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) का अनोखा स्वरूप (unique form) दिखा। बाबा महाकाल को मोगरे की बनी पगड़ी पहनाई गई। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट, मुंड माला धारण करवाई गई।
आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज गंगा दशहरे की तिथि व रविवार के संयोग पर भस्मआरती में बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसमें उनके शीश पर मां गंगा को अवतरित किया गया, साथ ही मोगरे का हार अर्पित कर पगड़ी पहनाई गई। जिसे सभी श्रद्धालु देखते ही रह गए। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर में जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
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