इंदौर: पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की राधारानी पर टिप्पणियों के बाद संत समाज भड़क गया है. इस मामले में इंदौर में पंडित प्रदीप मिश्रा का पुतला भी फूंका (Pandit Pradeep Mishra’s effigy burnt in Indore) गया. गुरुवार शाम इंदौर में कथा वाचक प्रदीप मिश्रा (Narrator Pradeep Mishra) के खिलाफ लोगों में आक्रोश देखा गया. इंदौर के एमआर 10 चौराहे पर संतों के साथ महिलाओं ने पंडित प्रदीप मिश्रा का विरोध करते हुए पुतला दहन किया. हालांकि पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रेमानंद महाराज को लेकर कहा कि वे विद्वत संत हैं, इतने बड़े रसिक संत कोई नहीं है. वे राधा रानी और भगवान कृष्ण के परम भक्त हैं. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा, ”मुझे एक फोन कर देते कि प्रदीप तुझे आना है तो मैं दंडवत करते जाता और चरण धोकर आचमन करके जवाब देकर आता.”
दरअसल कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी सरकार पर एक टिप्पणी की थी इसके विरोध में रहवासियों ने प्रदीप मिश्रा के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए एमआर 10 चौराहे पर सद्बुद्धि पाठ किया और प्रदीप मिश्रा का पुतला दहन किया. इस दौरान लोगों ने पंडित मिश्रा के पोस्टर को काला कर दिया. इस दौरान रहवासियों ने कहा कि कथावाचक प्रदीप मिश्रा के पास करोड़ों रुपए का दान आ रहा है और प्रदीप मिश्रा राधारानी के खिलाफ अनर्गल तरीके से बयान दे रहे हैं जो निंदनीय है, आने वाले दिनों में आने वाले दिनों में यदि प्रदीप मिश्रा इंदौर में कथा करेंगे तो उसका विरोध किया जाएगा.
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की “श्री कृष्ण दीवानी राधारानी” पर विवादित टिप्पणी पर प्रेमानंद जी महाराज ने कड़ी आपत्ति जताई है. नाराज प्रेमानंद जी महाराज ने पंडित प्रदीप मिश्रा से कहा कि आपको नरक से कोई नहीं बचा सकता. प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि “हमें गाली देना ठीक है, लेकिन अगर आप हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेंगे, उनका अपमान करेंगे या उनकी अवज्ञा करेंगे, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम अपना बलिदान दे देंगे.”इस मामले में कल शाम इंदौर में पंडित प्रदीप मिश्रा का पुतला भी फूंका गया.
पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक प्रवचन के दौरान कहा था कि राधा बरसाना की नहीं बल्कि रावल गांव की रहने वाली थीं. बरसाना में उनके पिता का दरबार था और वह साल में एक बार वहां जाती थीं. उन्होंने यह भी कहा कि राधा का नाम भगवान कृष्ण की रानियों में नहीं है. उनके पति में श्री कृष्ण का नाम नहीं है. राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था.उन्होंने दावा किया कि राधा का विवाह छात्रा गांव में हुआ था. पंडित प्रदीप मिश्रा की इन टिप्पणियों के बाद संत समाज भड़क गया है.
टिप्पणी के बाद प्रेमानंद जी महाराज ने प्रदीप मिश्रा पर गुस्सा निकाला. उन्होंने कहा दो-चार श्लोक पढ़कर वे कथावाचक बन गए. उन्होंने उनसे पूछा लाडली जी के बारे में आप क्या जानते हैं? यदि आप किसी संत के चरण स्पर्श का जल पीकर बोलते तो आपके मुंह से ऐसी बातें कभी नहीं निकलतीं.’ ‘जो व्यक्ति राधा जी के बारे में एक भी बात नहीं जानता, उसे उनके बारे में बोलने का क्या अधिकार है? आप उनके बारे में क्या जानते हैं? हम उनमें रहते हैं और वे हममें रहते हैं. यदि आप श्रीजी को जानना चाहते हैं तो मेरी आंखों में देखिए और देखिए कि श्रीजी क्या हैं? प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि राधा और श्री कृष्ण अलग-अलग नहीं हैं. प्रदीप मिश्रा बहुत ज्यादा बोल रहे हैं. आपको नरक से कोई नहीं बचा सकता. आपको शर्म आनी चाहिए. उन्होंने गुस्से में कहा, “जिसका यश गाकर तुम जीते हो, जिसका यश खाते हो, जिसका यश गाते हो, उसकी गरिमा को तुम नहीं जानते.”
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved