नई दिल्ली(New Delhi) । दिल्ली(Delhi) में पांच थानों के 170 पुलिसकर्मी,(170 policemen) पीसीआर वैन और बड़ी संख्या में बाइक। मुनक नहर(Munak Canal) के पास रहने वाले वाले लोग गुरुवार को यह नजारा देखकर हैरान(Surprised by the sight) रह गए। उन्होंने इलाके में कभी इतनी पुलिस एकसाथ नहीं देखी थी। अहम बात यह है कि ये सुरक्षाकर्मी लोगों के लिए नहीं, बल्कि मुनक नहर से पानी चोरी रोकने के लिए लगाए गए हैं।
दिल्ली में लगातार बढ़ रही पानी की किल्लत और मुनक नहर से पानी चोरी की मिल रही शिकायतों को लेकर निगरानी बढ़ा दी गई है। बवाना से हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक करीब 15 किलोमीटर के हिस्से में पानी की चोरी रोकने के लिए तीन शिफ्ट में करीब 170 पुलिसकर्मी 24 घंटे गश्त कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नहर पर गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों ने टैंकर माफिया पर कार्रवाई भी की है। मुनक नहर से अवैध रूप से पानी भर रहे तीन टैंकरों को पुलिस ने जब्त किया है। साथ ही छह लोगों पर कार्रवाई की है।
दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से बुधवार को निर्देश मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने देर रात से ही नहर के दोनों किनारों पर निगरानी शुरू कर दी थी। नहर की निगरानी का काम आऊटर नॉर्थ और रोहिणी जिला पुलिस के पांच थानों को दिया गया है। मुनक नहर दिल्ली में आने के बाद बवाना, नरेला औद्योगिक क्षेत्र, शाहबाद डेयरी, समयपुर बादली और केएन काटजू थाने के इलाके से होकर हैदरपुर प्लांट तक पहुंचती है। ऐसे में इन सभी थानों के पुलिसकर्मियों को पानी की निगरानी का काम सौंपा गया है।
जेड प्लस से ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हर थाने के पुलिसकर्मियों को तीन शिफ्टों में बांटा गया है। हर शिफ्ट में आठ पुलिसकर्मियों को गश्त की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे एक समय में लगभग 56 पुलिसकर्मी नहर पर गश्त करेंगे। हर थाने की एक ईआरवी हर शिफ्ट में पुलिसकर्मियों के साथ आपातस्थिति के लिए मौजूद रहेगी। ऐसे में नहर की निगरानी के लिए 24 घंटे तीन शिफ्ट में दिल्ली पुलिस के 150 जवानों को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि देश में जेड प्लस सुरक्षा का सबसे बड़ा घेरा होता है। इसमें करीब 56 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इस लिहाज से मुनक नहर को जेड प्लस से भी ज्यादा सुरक्षा दी जा रही है।
कहां से आती है, कहां जाती है
दिल्ली में पानी की जरूरत पूरा करने में मुनक नगर की अहम भूमिका है। करीब 102 किलोमीटर लंबी यह नहर हरियाणा के करनाल के मुनक रेगुलेटर में यमुना नदी से पानी पहुंचाती है। फिर खुबरू बैराज और मंडोरा बैराज से होते हुए दिल्ली के हैदरपुर में समाप्त होती है।
दिल्ली के सात संयंत्र निर्भर
दिल्ली सरकार के मुताबिक, मुनक नहर से दिल्ली के सात छोटे-बड़े जल संयंत्रों को कच्चा पानी मिलता है, जिसे पीने योग्य बनाकर आपूर्ति के लिए तैयार किया जाता है।
विवाद क्यों हो रहा
दिल्ली सरकार का दावा है कि हरियाणा से मुनक नहर के जरिए दिल्ली के हिस्से में 1050 एमजीडी पानी आना चाहिए, लेकिन वर्तमान में 985 एमजीडी पानी ही मिल रहा है। उधर, भाजपा ने सबूतों के साथ आरोप लगाया है कि नहर के पास दिल्ली सीमा में टैंकर माफिया पानी चोरी कर रहे हैं।
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