येरेवान: आर्मेनिया (Armenia) रूस (Russia) के नेतृत्व वाले सुरक्षा गुट सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) को छोड़ देगा। प्रधानमंत्री निरोक पाशिनियन (Prime Minister Nirok Pashinyan) ने बुधवार को पहली बार इसकी पुष्टि की है। उन्होंने CSTO के सदस्यों पर अजरबैजान (Azerbaijan) के साथ मिलकर आर्मेनिया के खिलाफ युद्ध की योजना बनाने का आरोप लगाया। पाशिनियन ने अमेरिका (America) और यूरोपीय संघ के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की कोशिश की है। इसके अलावा हाल के वर्षों में भारत और फ्रांस से भी उसके संबंध बढ़े हैं। आर्मेनिया ने भारत से हथियार खरीदे हैं। पारंपरिक तौर पर आर्मेनिया के रूस के साथ करीबी संबंध हैं। उन्होंने मार्च में भी कहा था कि उनका देश सीएसटीओ छोड़ देगा, जब तक कि सुरक्षा समूह संतोषजनक तरीके से अपने देश की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबदंधता को विस्तृत नहीं करता।
आर्मेनियाई समाचार एजेंसी के मुताबिक सांसदों के सामने पाशिनियन ने टिप्पणी की थी। इसमें कहा गया कि उन्हें लगता है कि ऐसी कोई प्रतिबद्धता नहीं मिली है और उन्होंने सीएसटीओ छोड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, ‘हम निकलेंगे। हम तय करेंगे कि कब बाहर निकलना है। चिंता मत कीजिए, हम वापस शामिल नहीं होंगे।’ पाशिनियन एक पूर्व पत्रकार हैं और वह 2018 में सत्ता में आए। सड़क पर विरोध प्रदर्शन के जरिए उन्हें सत्ता मिली, जिसमें रूस समर्थक राजनेता का सफाया हो गया था।
अजरबैजान ने किया था हमला
CSTO का हेडक्वार्टर मॉस्को में है। इसमें रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं। उसका कहना है कि वह आर्मेनिया की ओर से अपना रुख स्पष्ट करने का इंतजार कर रहा है। पाशिनियन लगातार प्रदर्शनकारियों के दबाव में हैं, जो आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच भूमि रियायतों से जुड़े समझौते को लेकर खुश नहीं हैं। रूस और आर्मेनिया के संबंधों में कटुता तब आ गई जब अजरबैजान ने पिछले साल रूसी शांति सैनिकों की मौजूदगी के बावजूद बलपूर्वक नागोर्नो-काराबाख के अपने अलग क्षेत्र को वापस ले लिया।
Ukraine Russia War: यूक्रेन को रूस पर हमला करने की इजाजत मिले, फ्रांस और जर्मनी ने रखी एक अलग मांग
रूस से नाराज है आर्मेनिया
CSTO ने अजरबैजान की सैन्य कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं किया। इससे क्षेत्र के 100,000 से ज्यादा जातीय अर्मेनियाई आबादी को बड़े पैमाने पर आर्मेनिया की ओर पलायन करना पड़ा। तब से पाशिनियन ने CSTO और रूस के प्रति निराशा जताते हुए कई बयान दिए हैं। उन्होंने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनका देश अपनी सुरक्षा की गारंटी के लिए रूस पर भरोसा नहीं कर सकता। उन्होंने 2020 में 44 दिनों के युद्ध को लेकर बिना नाम लिए दो सदस्यों पर अजरबैजान के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। आर्मेनिया ने रूस के कुछ सैनिकों को देश छोड़ने को कहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved