नई दिल्ली (New Delhi) । भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मंगलवार को कहा कि साधारण बीमा कंपनियां (Insurance Companies) दस्तावेजों के अभाव में क्लेम को अस्वीकार नहीं कर सकतीं। इस संबंध में जारी मास्टर सर्कुलर (Master Circular) जारी किया गया है। इस सर्कुलर में बीमा और क्लेम (Insurance and Claims) को लेकर कई जरूरी गाइडलाइन हैं।
क्या कहा इरडा ने
इरडा ने कहा कि ग्राहकों की व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए आसानी से समझ में आने वाले बीमा उत्पादों का प्रावधान करना, ग्राहकों को पर्याप्त विकल्प देना और उनके बीमा अनुभव को बेहतर बनाना अब संभव हो गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि दस्तावेजों के अभाव में कोई भी क्लेम अस्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रस्ताव की स्वीकृति के समय जरूरी दस्तावेजों को मांगना चाहिए। इसके मुताबिक, ग्राहकों से केवल उन दस्तावेजों को जमा करने के लिए कहा जा सकता है, जो जरूरी हैं और दावा निपटान से संबंधित हैं। इसके अलावा, खुदरा ग्राहक बीमाकर्ता को सूचित करके किसी भी समय पॉलिसी रद्द कर सकते हैं, जबकि बीमाकर्ता केवल धोखाधड़ी साबित होने के आधार पर पॉलिसी रद्द कर सकता है।
कैशलेस क्लेम पर
हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बीमा कंपनी को अनुरोध के एक घंटे के भीतर कैशलेस इलाज की अनुमति देने पर निर्णय लेना होगा। बीमा कंपनियों द्वारा सभी आयु, क्षेत्रों, चिकित्सा स्थितियों/सभी प्रकार के अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं के लिए विविध बीमा उत्पादों की पेशकश करके ‘उत्पाद/एडऑन/राइडर्स’ उपलब्ध कराकर बीमाधारकों की सामर्थ्य के अनुरूप व्यापक विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। मास्टर सर्कुलर में ग्राहक सूचना पत्र (सीआईएस) का भी उल्लेख किया गया है, जो बीमा कंपनी द्वारा प्रत्येक बीमा दस्तावेज के साथ प्रदान किया जाता है।
उम्र सीमा को हटाया
हाल ही में बीमा नियामक इरडा ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्तियों के लिए 65 वर्ष की आयु सीमा हटा दी है। पहले के दिशानिर्देशों के अनुसार व्यक्तियों को केवल 65 वर्ष की आयु तक नई बीमा पॉलिसी खरीदने की अनुमति थी। हालांकि, एक अप्रैल से प्रभावी हुए हालिया संशोधन के साथ किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति नई बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए पात्र है।
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