इन्दौर। नगर निगम और जिला प्रशासन के अफसरों की टीम ने कान्ह और सरस्वती नदी के करीब 35 किमी के हिस्से का सर्वे शुरू किया, जो अब अंतिम दौर में है। करीब 35 किमी के हिस्से में अलग-अलग स्थानों पर बड़े पैमाने पर नदी किनारे कई कब्जे पाए गए हैं। इनमें कई मकान नदी के छोर से सटकर बना लिए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मध्य क्षेत्र के इलाकों में मकान हैं, जिन्हें अब तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। नगर निगम के अफसरों को साथ लेकर प्रशासन के अधिकारियों ने राजस्व विभाग की टीमें गठित की थी। इसमें तहसील के कई कर्मचारी और आरआई पटवारी भी शामिल हैं।
कई दिनों से कान्ह और सरस्वती नदी के शुरुआती हिस्सों से लेकर अंतिम छोर तक का सर्वे किया जा रहा है। 35 किमी के हिस्से में कई जगह बड़े पैमाने पर कब्जे मिले हैं और इन्हें चिन्हित करने के साथ-साथ उनकी जानकारी और वीडियोग्राफी भी कराई गई है। नदी से 30 मीटर के दायरे में हुए निर्माणों को चिन्हित किया जा रहा है। मास्टर प्लान में नदी के 30 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का निर्माण अवैध माना गया है और इसी नियम-कायदे के मान से सर्वे किया जा रहा है। उनके मुताबिक सर्वे का काम लगभग 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है और 2600 से ज्यादा मकान नदी किनारे पाए गए हैं। दो-चार दिनों तक सर्वे की कार्रवाई और चलेगी और उसके बाद कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। पूर्व में भी निगम ने अपने स्तर पर नदी किनारे हुए कब्जों को चिन्हित किया था और उसकी रिपोर्ट तैयार की गई थी, मगर कार्रवाई नहीं हो पाई थी।
सबसे ज्यादा छत्रीबाग, तोड़ा और मच्छी बाजार में मकान
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक सर्वे के दौरान सबसे ज्यादा कब्जे साउथ तोड़ा, नार्थ तोड़ा, चंद्रभागा, मच्छी बाजार, छत्रीबाग, जयरामपुर, गुरुनानक कालोनी से लेकर कई अन्य क्षेत्रों में मिले हैं। इनमें तोड़ा और मच्छी बाजार की स्थिति तो यह है कि नदी के मुंहानों तक दो से तीन मंजिला पक्के मकान बना लिए गए हैं। अब सभी कब्जेधारियों को निगम द्वारा नोटिस देने की कार्रवाई की जाएगी और प्रशासनिक और निगम अधिकारियों के निर्देश पर जल्द ही कार्रवाई का अभियान शुरू होगा।
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