शाजापुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शाजापुर जिले (Shajapur District) में 100 से अधिक अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) का सरकार के खिलाफ अनूठा प्रदर्शन लगातार चर्चा में है. शिक्षकों का आरोप है कि शासन के सौतेले रवैये की वजह से ये लोग बेरोजगार (Unemployed) हो गए हैं. इसी कारण मंगलवार को इन अतिथि शिक्षकों ने सड़कों पर उतरकर भीख मांगी. ये शिक्षक हाथों में बर्तन लेकर दुकानों में जा-जाकर भिक्षा मांग रहे थे, ताकि परिवार का भरण-पोषण कर सकें.
अतिथि शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने अतिथि शिक्षकों को 12 महीने का वेतन देने का वादा किया था. लेकिन शिक्षकों को 10 माह का वेतन देने के बाद बाहर कर दिया गया. इससे एक बार फिर अतिथि शिक्षक रोड पर आ गए हैं. यही कारण है कि इन शिक्षकों के सामने सड़कों पर उतरकर भिक्षा मांगने की नौबत आ गई. प्रदेश भर में 10 हजार से अधिक अतिथि शासकीय विद्यालयों में अपनी-अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जरूरत पड़ने पर हमें याद किया जाता है और जरूरत खत्म होते ही दूध में से मक्खी की तरह फेंक दिया जाता है.
आशीष शर्मा ने कहा कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया अब केंद्र सरकार में मंत्री बन गए हैं. सिंधिया ने हमारे मुद्दे पर ही कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामा था. साथ ही अतिथि शिक्षकों को नियमित किए जाने का भरोसा भी दिलाया था. लेकिन वह भी अपने भरोसे पर कायम नहीं रह सके. आज मध्य प्रदेश में 10 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक बेरोजगार हैं. उनके पास दर-दर की ठोकरें खाने और भीख मांगने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है.
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