नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) केरल की वायनाड लोकसभा सीट (Kerala’s Wayanad Lok Sabha seat) छोड़कर रायबरेली सीट (Rae Bareli seat) अपने पास रख सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग (Congress working committee meeting) में इसे लेकर चर्चा हुई है. 17 जून से पहले इस पर फैसला लिया जाएगा. कांग्रेस कार्यसमिति में नेताओं के बीच इस बात पर दोस्ताना खींचतान हुई कि राहुल गांधी को रायबरेली या वायनाड में से कौन सी सीट छोड़नी चाहिए. सांसद के. सुरेश (मवेलीकारा केरल) ने कहा कि राहुल गांधी दूसरी बार वायनाड के सांसद हैं और वायनाड के लोग उन्हें अपने प्रतिनिधि के रूप में चाहते हैं. हालांकि, रायबरेली सीट रखने के लिए ज्यादा जोरदार दिया गया.
यूपी की नेता आराधना मिश्रा ने राहुल गांधी को रायबरेली सीट अपने पास रखने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह पारंपरिक पारिवारिक सीट है और पीढ़ियों से चली आ रही है. साथ ही राहुल गांधी का रायबरेली सीट अपने पास रखना उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के राजनीतिक पुनरुद्धार के लिए जरूरी है, जिसमें 80 सीटें हैं.
सोनिया गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में राहुल गांधी को कमान सौंपी थी और लोगों से कहा था कि ‘मैं आपको अपना बेटा दे रही हूं’, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि राहुल गांधी वहां परिवार की विरासत को आगे बढ़ाएंगे. वह अगले सप्ताह सोनिया गांधी और प्रियंका के साथ रायबरेली जाएंगे. रायबरेली के लोगों ने एक बार फिर गांधी परिवार के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई है. राहुल गांधी ने रायबरेली से 390030 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. 2019 लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था.
वायनाड की जनता ने राहुल गांधी को दूसरी बार सांसद बनाया है. यहां से राहुल गांधी 364422 लाख मतों से चुनाव जीतकर आए हैं. 2019 में राहुल ने वायनाड से 4 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. वायनाड की जनता हमेशा कांग्रेस के साथ रही है. वायनाड कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है.
कांग्रेस ने शनिवार को पार्टी की कार्य समिति की बैठक बुलाई. कांग्रेस में निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था- सीडब्ल्यूसी की विस्तारित बैठक नई दिल्ली के अशोका होटल आयोजित की गई, जिसमें लोकसभा चुनाव परिणामों और भविष्य की रणनीतियों पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श हुआ. पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा पार्टी के अन्य शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हुए.
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने की मांग उठी. कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने प्रस्ताव पारित किया है कि राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया जाना चाहिए. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए अपने नाम का प्रस्ताव पारित होने पर राहुल गांधी ने इस बारे में सोचने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों से कुछ वक्त मांगा.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved