नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के परिणाम घोषित होने के बाद आज दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (congress working committee) की दिल्ली में बैठक हो रही है. इस बैठक में तमाम नवनिर्वाचित सांसद (MP) हिस्सा ले रहे हैं. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे (Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi, Sonia Gandhi and Mallikarjun Kharge) सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं. अधिकांश सांसद चाहते हैं कि इस बार राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष (opposition leader) की जिम्मेदारी निभाएं.
दरअसल इस बार सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के नाते कांग्रेस नेता को आधिकारिक तौर पर नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल जाएगा. कांग्रेस ने इस चुनाव में 99 सीटें जीती हैं और नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए सबसे बड़े विपक्षी दल के पास कम से कम कुल सीटों की संख्या 10% यानी 55 सीट होनी चाहिए. अब इस पद के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है और पार्टी के अंदर से भी आवाज उठ रही है कि राहुल गांधी को ही नेता प्रतिक्ष की कमान संभालनी चाहिए.
कांग्रेस नेताओं की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने परिणाम आने के बाद कहा कि हम चाहते हैं राहुल गांधी सदन में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाएं. वहीं सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी ही नेता प्रतिपक्ष बनेंगे.
डीन कुरियाकोस ने कहा, ‘संसदीय दल आज एक नेता का चयन करेगा. हम उम्मीद कर रहे हैं कि राहुल गांधी संसदीय दल के नेता होंगे. हमारे पास अब अच्छी संख्या है. हम एक अच्छा विपक्ष बनाएंगे. हम भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे. भाजपा के खिलाफ जनादेश है, यह बिल्कुल सच है. भारत नरेंद्र मोदी के खिलाफ है. देखते हैं क्या होता है.”
एनडीए के सरकार बनाने पर उन्होंने कहा, ‘उनके पास पर्याप्त बहुमत नहीं है. वे दावा करते हैं कि उनके पास अधिक संख्या है, लेकिन लोगों ने ऐसा नहीं होने दिया. इसका मतलब है कि नरेंद्र मोदी को पद छोड़ना होगा. वे अब सत्ता संभाल रहे हैं लेकिन लोग उनके खिलाफ हैं, यह बिल्कुल साफ है.’
पोस्टरों के साथ उठाई मांग
वहीं CWC की बैठक से पहले राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग को लेकर दिल्ली में राहुल-प्रियंका सेना के अध्यक्ष जगदीश शर्मा प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं और सभी कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता भी चाहते हैं कि राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाया जाए. राहुल गांधी लोकसभा में लोकसभा में मोदी जी की गारंटी की पोल लोकसभा में दमदार तरीके से खोल सकते हैं. अगर वो जनता की बात करेंगे तो उन्हें विपक्ष का नेता बनना चाहिए. उन्हें मना नहीं करना चाहिए. जो चोरी छिपे ये राहुल पर केस लगा देते हैं, अगर वो नेता प्रतिपक्ष बनते हैं तो इस पर रोक लग जाएगी. मोदी जी की पोल राहुल गांधी ही खोल सकते हैं.’
नेता प्रतिपक्ष की होती है अहम भूमिका
आपको बता दें कि ऐसे कई पद हैं जहां पर नेता प्रतिपक्ष की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. उदाहरण के लिए सीबीआई डायरेक्टर, CVC, लोकपाल और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बनी कमेटी में पीएम के साथ नेता प्रतिपक्ष भी होते हैं.
नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) हाउस बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का हिस्सा होता है और एक पैनल के रूप में कार्य करता है जो कुछ प्रमुख पदाधिकारियों का चयन करता है. दिलचस्प बात यह है कि इस भूमिका में प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के साथ उसकी करीबी और नियमित बातचीत शामिल रहती है.क्या राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी डेली नोट्स बनाने, हाथ मिलाने के बाद चाय या कॉफी का आदान-प्रदान करने में सहज होंगे?
ये तीन नेता भी हैं दौड़ में शामिल
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, अगर राहुल गांधी इस दौड़ से बाहर हो जाते हैं, तो नेता प्रतिपक्ष पद के लिए शशि थरूर, मनीष तिवारी और केसी वेणुगोपाल जैसे उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है. कांग्रेस संसदीय दल के संविधान के अनुसार, इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता नियुक्त करने करने या ओपन की अनुमति देने का अधिकार है.
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