नई दिल्ली(New Delhi) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)के तीसरे कार्यकाल (Tenure)में नए रेल मंत्री पर बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती(The challenge of performing better) होगी। रेल मंत्री को बुनियादी ढांचे(infrastructure to railway minister) की परियोजनाओं की गति बनाए रखनी होगी। उनके कंधों पर नई पीढ़ी की सेमी हाई स्पीड ट्रेनें वंदे भारत, अमृत भारत ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के साथ उनका रिकॉर्ड उत्पादन के लक्ष्य का पीछा करना होगा। वहीं रेल यात्रियों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए टक्कर रोधी आधुनिक तकनीक कवच को तय समय में पूरा करना होगा। इसके साथ ही यूपी-बिहार की ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट को कम करने, स्टेशनों पर सफाई, खानपान की गुणवत्ता बनाए रखने में अपने कौशल का परिचय देना होगा।
रेल मंत्रालय भाजपा के पास रहेगा या उसके घटक दलों की झोली में जाएगा, यह रविवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के बाद तय हो जाएगा। लेकिन नए रेल मंत्री पर भारतीय रेल को मुनाफे में बनाए रखना, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की गति बनाए रखना और सुरक्षित ट्रेन परिचालन दबाव रहेगा। दरअसल, मोदी सरकार ने पिछले एक दशक में 26 हजार किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने का कार्य किया है। इस प्रकार रेलवे ने प्रतिदिन 12 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई है। वहीं 40 हजार किलोमीटर विद्युतीकरण का कार्य किया है। भारतीय रेल में 94 फीसदी विद्युतीकरण हो चुका है और शेष को तेज गति से पूरा करने का लक्ष्य होगा।
अंतरिम बजट में रेल कॉरिडोर का था प्रावधान
सरकार ने एक फरवरी, 2024 में अंतरिम बजट में तीन नए रेल कॉरिडोर बनाने के लिए 12 लाख करोड़ का प्रावधान किया है। इसमें दो फ्रेट कॉरिडोर हैं और एक सेमी हाई स्पीड कॉरिडोर है, जिसे अगले पांच से सात साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। नए रेल मंत्री को वंदे भारत ट्रेनें (स्लीपर कोच), अमृत भारत ट्रेनें (पुल-पुश तकनीक), नमो भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए तेज गति से कोच उत्पादन करना होगा।
देश में अभी 100 वंदे भारत ट्रेन
अभी देश में 100 वंदे भारत दौड़ रही हैं और 400 से अधिक चलाने का लक्ष्य है। इसमें वंदे भारत ट्रेनों को श्रीलंका, मोजांबिक, सेनेगल, म्यांमार, सूडान आदि देशों में निर्यात करना भी शामिल है। सरकार के वंदे भारत ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 130 से 160 किलोमीटर प्रतिघंटे चलाने के सपने को नए रेल मंत्री को पूरा करना होगा। इसके लिए दिल्ली-मुंबई व दिल्ली-कोलकाता पर चालू कवच परियोजना में तेजी लानी होगी। इसके अलावा 1300 रेलवे स्टेशनों को पुनर्विकास योजना के तहत कायाकल्प करना, स्टेशनों-ट्रेनों में सफाई, यात्रियों को सस्ता, ताजा व स्वादिष्ट भोजना मुहैया कराने का दायित्व नए रेल मंत्री पर होगा।
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