नई दिल्ली (New Delhi)। महाराष्ट्र की राजनीति (politics of Maharashtra)में कई बड़े बदलाव(shift) आने वाले दिनों में देखने को मिल सकते हैं। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)में शरद पवार (Sharad Pawar)के मजबूत होने के बाद अब अजित पवार खेमा बैकफुट पर है। राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और जनता का मूड भांपकर कई विधायकों के पाला बदलने और सीनियर पवार के पक्ष में लौटने की उम्मीद जताई जा रही है। उधर, इस संभावना को टटोलने की कोशिश भी हो रही है कि क्या पवार परिवार फिर एकजुट हो सकता है। फिलहाल अजित पवार ने एनडीए के साथ खड़े होने का एलान जरूर किया है, लेकिन माना जा रहा है कि चुनाव के ठीक पहले कई बड़े फैसले महाराष्ट्र की राजनीति में हो सकते हैं।
अजित पवार की पार्टी का प्रदर्शन सबसे खराब
एनसीपी पवार गुट के एक नेता ने कहा कि लोकसभा चुनावों ने एक तस्वीर मोटे तौर पर पेश कर दी है। अजित पवार की पार्टी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। इसकी वजह से उनपर कई तरफ से दबाव है। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले कई तरह से सियासी चहलकदमी देखने को मिलेगी। पवार परिवार में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। हालांकि, इस मसले पर अभी कोई सार्वजनिक तौर पर बोलने को तैयार नहीं है।
शिंदे दमखम दिखाने का करेंगे प्रयास
अजित पवार गुट के कुछ नेताओं का मानना है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। लेकिन अजित पवार की महत्वाकांक्षा को देखते हुए सबकुछ सहज नहीं लगता। सूत्रों ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की सरकार में भी कई तरह की हलचल देखने को मिलेगी। चुनाव के पहले एकनाथ शिंदे सरकार में अपना असर और दमखम दिखाने का प्रयास करेंगे जिससे विधानसभा चुनाव में वे अपनी बडी भागीदारी को लेकर दबाव बना सकें।
राष्ट्रीय स्तर पर शरद की भूमिका बढ़ी
राज्य में जिस तरह के समीकरण केंद्र में है उसे देखते हुए उद्धव गुट को लेकर एक संतुलित रुख भी भाजपा नेतृत्व अपना सकता है, इससे जरूरत पड़ने पर बातचीत का रास्ता खुला रहे। कुल मिलाकर कई तरह के घटनाक्रम की संभावना महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर जताई जा रही है। सूत्रों ने कहा कि शरद पवार की भूमिका महाराष्ट्र की राजनीति के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved