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    मैंने कमलनाथ को बता दिया था नकुलनाथ चुनाव नहीं जीत पाएंगे-विजयवर्गीय

  • June 06, 2024

    खराब व्यवहार, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और खुद को कमलनाथ समझने लगा बना नकुल की हार का कारण, दीपक सक्सेना का भाजपा में आना था छिंदवाड़ा चुनाव का टर्निंग प्वाइंट

    भाजपा कार्यकर्ताओं ने दमदारी से मैदान संभाला और नेताओं ने भी खूब मेहनत की

    इंदौर, अरविंद तिवारी।
    भाजपा (BJP) के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी छिंदवाड़ा (Chhindwara) सीट पर पार्टी की जीत के मुख्य शिल्पकार प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री (Minister of Urban Administration)  कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने खुलासा किया कि उन्होंने कमलनाथ (Kamal Nath) को बता दिया था कि नकुलनाथ (Nakulnath) चुनाव नहीं जीत रहे हैं।


    महाकौशल क्लस्टर के प्रभारी के नाते छिंदवाड़ा पर पूरा फोकस करने वाले विजयवर्गीय ने कहा कि नकुलनाथ का व्यवहार बहुत खराब है, वे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते हैं और खुद को कमलनाथ समझने लगे थे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से उसे अंदाज में बात करने लगे थे, जैसी कभी कमलनाथ ने भी नहीं की। इसी कारण उनको लेकर बहुत आक्रोश था और हार तय थी। बकौल विजयवर्गीय दीपक सक्सेना का भाजपा में शामिल होना छिंदवाड़ा इलेक्शन का टर्निंग पॉइंट था और इसी के बाद हमारी जीत तय हो गई थी। विजयवर्गीय ने फिर दोहराया कि कमलनाथ बहुत अच्छे इंसान हैं और यदि नकुलनाथ के स्थान पर वे लोकसभा चुनाव लड़ते तो निश्चित तौर पर हमें ज्यादा परेशानी होती। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा के विकास का नया रोडमैप जल्दी ही तैयार किया जाएगा और वहां के अगले 20 साल की जरूरत को देखते हुए विकास कार्य किए जाएंगे। वहां जो लोग लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा से जुड़े हैं, उनके मान-सम्मान का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। महाकौशल सेक्टर की बाकी सीटों के बारे में भी विजयवर्गीय ने कहा कि मैंने पहले ही बता दिया था कि छिंदवाड़ा सहित यहां की चारों सीट हम बड़े अंतर से जीतेंगे और जो नतीजे आए हैं, उससे मेरी बात सही साबित हुई है।

    कांग्रेस की बात पर लोगों ने ध्यान नहीं दिया
    नोटा को 2 लाख से भी ज्यादा वोट मिलने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में नोटा पर ज्यादा बटन दबाए गए हैं, वह क्षेत्र हमेशा कांग्रेस के पक्ष में रहते हैं, क्योंकि इस बार कांग्रेस का उम्मीदवार मैदान में नहीं था, इसलिए इन लोगों ने नोटा का बटन दबाया। कांग्रेस ने भी नोटा में मतदान के लिए पूरी ताकत लगाई थी, लेकिन ऐसा लग रहा है कि शहर की जनता ने कांग्रेस की बात पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि जितने वोट कांग्रेस को मिलते थे, उसके आधे से भी कम नोटा को मिले।

    अयोध्या की हार पर कहा- इसका दुख है
    अयोध्या (फैजाबाद) में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की हार पर विजयवर्गीय ने कहा कि इसका हमें दुख तो है। ऐसा क्यों हुआ, इसका पार्टी स्तर पर तो आकलन होगा ही पर मुझे ऐसा लगता है कि वहां विकास के दौर में जो तोडफ़ोड़ हुई, काम-धंधे प्रभावित हुए, उससे नाराज लोगों ने हमारे खिलाफ वोट दिया। इसके अलावा वहां जातिगत ध्रुवीकरण भी हमारे लिए नुकसानदायक रहा।

    चार दिन पहले कहा था कभी नहीं टूटने वाला रिकॉर्ड बनेगा
    इंदौर में पार्टी उम्मीदवार शंकर लालवानी की रिकॉर्ड जीत पर विजयवर्गीय ने कहा कि मैंने चार दिन पहले ही यह कह दिया था कि इंदौर में जीत का ऐसा रिकॉर्ड बनेगा, जिसे कभी तोड़ा नहीं जा सकेगा। इंदौर का नाम देश के संसदीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो चुका है। इस बड़ी जीत ने हमारी चुनौती को और बढ़ा दिया है और हमें जनता की भावनाओं का सम्मान करना पड़ेगा।

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