उन्होंने कहा कि चीन दूरदृष्टि, कड़ी मेहनत, गंभीर और अथक प्रयासों के माध्यम से विशाल देश बन चुका है। चीनी मॉडल के बारे में जितनी आशंकाएं थीं, वह इतिहास के साक्ष्यों से दूर हो चुके हैं। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान चीन के साथ आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने को तैयार है। साथ ही चीन में इस्तेमाल और विकसित की जा रही सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में बीजिंग के उन्नत अनुभव से सीखने का प्रयास भी किए जाएंगे।
बता दें कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार मार्च में सत्ता में आई। इसके बाद शहबाज शरीफ ने दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला। नई सरकार के गठन के बाद वे पहली बार चीन की यात्रा पर हैं। उनकी यात्रा से पहले, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने पिछले सप्ताह बताया था कि अपनी यात्रा के दौरान शरीफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से वार्ता करेंगे। दोनों नेता मिलकर चीन-पाकिस्तान संबंधों के विकास के लिए ‘संयुक्त रूप से खाका तैयार करेंगे।’
शरीफ की चीन यात्रा के दौरान दोनों देश 60 अरब डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के दूसरे चरण का शुभारंभ कर सकते हैं, इस बात की पूरी उम्मीद है। यह परियोजना पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ने के नजरिए से बेहद अहम है। सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत एक अन्य प्रमुख परियोजना है। बीआरआई के माध्यम से चीन दुनिया भर में चीनी निवेश करना चाहता है। चीन की तरफ से वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ इसे जिनपिंग के उन प्रयासों के रूप में भी देखा जाता है, जिनके माध्यम से वे विदेशों में अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।