नई दिल्ली (New Delhi) । पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में बीजेपी (BJP) एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है. अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों (Assembly seats) में से 46 पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है. नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने पांच और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने तीन सीटें जीती हैं. कांग्रेस को एक ही सीट पर जीत मिली है.
बीजेपी के लिए ये जीत 2019 से भी ज्यादा बड़ी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 41 सीटें जीती थीं. लेकिन पार्टी ने इस बार 46 सीटों पर जीत हासिल की है. इस बार वोटिंग से पहले ही बीजेपी के 10 उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए थे.
लेकिन इतनी बड़ी जीत के बाद भी सिर्फ एक उम्मीदवार की हार बीजेपी के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है. क्योंकि जिस उम्मीदवार की हार हुई है, वो अरुणाचल सरकार में शिक्षा मंत्री थे और बीजेपी के कद्दावर नेताओं में उनकी गिनती होती थी.
कौन हैं BJP की आंधी में हारने वाले ताबा तेदिर?
ताबा तेदिर (Taba Tedir) अरुणाचल प्रदेश की बीजेपी सरकार में शिक्षा मंत्री हैं. उन्हें एनसीपी के तोको तातुंग (Toko Tatung) ने कड़ी टक्कर के बाद हरा दिया. ताबा तेदिर अरुणाचल की याचुली सीट से विधायक थे. उन्होंने 2019 में यहां से पहली बार चुनाव जीता था.
रिटायर्ड टेक्नोक्रेट ताबा तेदिर 2019 के विधानसभा चुनाव में याचुली सीट से निर्विरोध जीते थे. लेकिन इस बार उन्हें एनसीपी के तोको तातुंग ने महज 228 वोटों से हरा दिया.
चुनाव आयोग के मुताबिक, तोको तातुंग को 8 हजार 255 वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार ताबा तेदिर को 8 हजार 27 वोट मिले.
कैसे हार गए ताबा तेदिर?
राजीव गांधी यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नानी बाथ का कहना है कि तेदिर की हार का कारण ईसाई वोटों का उनके खिलाफ होना है. एनसीपी के एक समर्थक ने कहा कि एंटरप्रेन्योर से नेता बने तातुंग ने ये सीट युवाओं के दम और बदलाव के वादे के साथ जीती है.
कौन हैं ताको तातुंग?
ताको तातुंग एक कारोबारी और एंटरप्रेन्योर हैं. वो अरुणाचल प्रदेश की याचुली सीट से एनसीपी के उम्मीदवार थे. उनकी पत्नी अरुणाचल सरकार में बड़ी अधिकारी हैं.
विधानसभा चुनाव के लिए दाखिल हलफनामे के मुताबिक, तातुंग के पास 57.54 करोड़ रुपये की संपत्ति है. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से साल 2000 में बीए की डिग्री हासिल की थी.
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