पुणे (Pune)। पुणे के पोर्श कांड (Pune’s Porsche incident) के नाबालिग आरोपी (Minor accused) ने पुलिस के सामने कबूल किया कि हादसे के वक्त गाड़ी चलाते समय वह बहुत अधिक नशे (too drunk) में था. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान नाबालिग आरोपी (Minor accused) ने अधिकारियों को बताया कि उसे सभी घटनाएं पूरी तरह से याद नहीं हैं. इस बीच पुणे की एक अदालत ने आज सबूत नष्ट करने से संबंधित एक मामले में 17 वर्षीय आरोपी के माता-पिता शिवानी अग्रवाल और विशाल अग्रवाल (Parents Shivani Agarwal and Vishal Agarwal) को 5 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है, उन पर ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ करने का आरोप है।
पुलिस के अनुसार अग्रवाल दंपत्ति ने एक सरकारी अस्पताल में जाकर खून के नमूनों में हेराफेरी करके सबूतों को नष्ट करने की साजिश रची थी. पुलिस ने इस घटना में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं. एक FIR हादसे के संबंध में, दूसरी उस बार के खिलाफ जिसने कथित तौर पर नाबालिग आरोपी को शराब परोसी थी, और तीसरी एफआईआर परिवार के ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने और हादसे का दोष अपने ऊपर लेने के लिए मजबूर करने की है।
पुलिस ने नाबालिग आरोपी के माता-पिता के अलावा उसके दादा को भी गिरफ्तार किया है. उन्होंने ससून जनरल अस्पताल के 2 डॉक्टरों और एक कर्मचारी को कथित तौर पर ब्लड सैंपल में हेराफेरी करने के आरोप में हिरासत में लिया है. पुलिस ने इस मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच के लिए 100 पुलिस कर्मियों वाली एक दर्जन से अधिक टीमें बनाई हैं।
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