इस्लामाबाद. हेलेन मैरी रॉबर्ट्स (Helen Mary Roberts) ने पाकिस्तान (Pakistan) की थल सेना (army) में ब्रिगेडियर (Brigadier) का पद हासिल करने वाली पहली ईसाई (Christian) महिला बनकर इतिहास रच दिया है. वह वर्तमान में पाकिस्तान आर्मी की मेडिकल कोर में सेवारत हैं. बता दें कि पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है और ईसाई समुदाय वहां अल्पसंख्यक है. हेलेन रॉबर्ट्स पाकिस्तानी सेना के उन अधिकारियों में से एक थीं, जिन्हें सेलेक्शन बोर्ड द्वारा ब्रिगेडियर और फुल कर्नल पोस्ट के लिए प्रमोट किया गया.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ब्रिगेडियर के रूप में पदोन्नति पर हेलेन को बधाई देते हुए कहा कि पूरे देश को उन पर और अल्पसंख्यक समुदायों की उनके जैसी हजारों मेहनती महिलाओं पर गर्व है, जो देश की सेवा कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं स्वयं और पूरा देश हेलेन मैरी रॉबर्ट्स को पाकिस्तान की सेना में ब्रिगेडियर के रूप में पदोन्नत होने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की पहली महिला होने पर बधाई देता है.’
ब्रिगेडियर हेलेन सीनियर पैथोलॉजिस्ट हैं और पिछले 26 वर्षों से पाकिस्तानी सेना में सेवारत हैं. पिछले साल रावलपिंडी के क्राइस्ट चर्च में क्रिसमस समारोह के दौरान, पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने देश के विकास में अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की थी. पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा 2021 में जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 96.47 प्रतिशत मुस्लिम हैं, इसके बाद 2.14 प्रतिशत हिंदू, 1.27 प्रतिशत ईसाई, 0.09 प्रतिशत अहमदी मुस्लिम और 0.02 प्रतिशत अन्य हैं.
गत दिनों पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने अल्पसंख्यक समुदाय के न्यायधीशों को पाकिस्तानी उच्च न्यायपालिका में शामिल करने की पैरवी की थी. जस्टिस केआर कॉर्नेलियस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तरार ने पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने अल्पसंख्यक अधिकार आयोग का गठन करने और अल्पसंख्यक अधिकारियों और कनूनी सलाहकारों के लिए आरक्षण देने पर जोर दिया. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनसूर अली शाह ने भी तरार की इस अपील का समर्थन किया था.
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