भोपाल । मध्य प्रदेश में (In Madhya Pradesh) लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद (After Lok Sabha Election Results) बड़ी प्रशासनिक सर्जरी (Major Administrative Surgery) के संकेत (Indications) मिलने लगे हैं। चुनाव खत्म होते ही मुख्यमंत्री मोहन यादव सक्रिय हो गये हैं और सरकारी कामकाज की समीक्षा भी कर रहे हैं।
भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च को चुनाव की तारीख का ऐलान किए जाने के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। उसके बाद से राज्य में किसी तरह का बड़ा प्रशासनिक फेरबदल नहीं हुआ है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री सहित सरकार के तमाम मंत्रियों और संगठन के नेताओं ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया। इस दौरान कई कमियां भी सामने आई हैं। लिहाजा इन कमियों को दुरुस्त करने के लिए सरकार की ओर से आवश्यक कदम तय माने जा रहे हैं।
मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री कई विभागों के साथ बैठक कर चुके हैं और आगामी रणनीति पर चर्चा भी हो चुकी है। राज्य में आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी को उन्होंने गंभीरता से लिया है। पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ने अधिकारियों से जमीनी स्तर पर सक्रिय रहने के साथ अपराधों पर खास नजर रखने की हिदायत दी है।
सूत्रों का दावा है कि 4 जून को चुनावी परिणाम आने के बाद राज्य में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी तय है। कई जिलों के कलेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षकों तक को बदल दिया जाएगा। यह वे अधिकारी हैं जिनके बारे में सरकार का मानना है कि आचार संहिता के दौरान उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर तरीके से पालन नहीं किया है।
चुनाव प्रचार के दौरान कई अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें भी आई हैं कि वे जमीनी स्तर पर आम जन की समस्याओं को सुलझाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
इतना ही नहीं सरकारी योजनाओं का लाभ भी जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही अभी हाल ही में नर्सिंग कॉलेज घोटाले सहित कई मामलों में कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। उन पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। राज्य की 29 लोकसभा सीटों पर पहले चार चरणों में मतदान हुआ था। मुख्यमंत्री सहित राज्य के तमाम बड़े नेता पहले प्रदेश में और उसके बाद के तीन चरणों में देश के अलग-अलग हिस्सों में चुनाव प्रचार में सक्रिय रहे।
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