डेस्क। भारत से पहले दक्षिण अफ्रीका में आम चुनावों के परिणाम आने जा रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा की धमकियों के बावजूद आज चुनाव परिणामों की घोषणा करने का ऐलान कर दिया गया है। इससे पूरी दुनिया की नजर दक्षिण अफ्रीका के चुनाव परिणाम पर टिकी है। सीरिल रामफोसा दक्षिण अफ्रीका के मौजूदा राष्ट्रपति हैं। भारत के साथ दक्षिण अफ्रीका के मजबूत रिश्ते हैं। रामफोसा और पीएम मोदी में गहरी मित्रता है।
इससे पहले चुनाव में 26 छोटी पार्टियों की ओर से बोलते हुए पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा ने आईईसी से आपत्तियों को दर्ज करने के लिए और अधिक समय देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कई और “गंभीर” आपत्तियां थीं जिन्हें पार्टियों को तैयार करने की आवश्यकता है। हालांकि उन्होंने अन्य आरोपों का कोई विवरण साझा नहीं किया। जूमा ने कहा था कि “हमें और समय की आवश्यकता होगी। किसी को भी कल (रविवार) चुनाव परिणाम की घोषणा नहीं करनी चाहिए। ज़ूमा ने ज़ोर देकर धमकी देते कहा कि कि अगर आईईसी रविवार के लिए अपनी योजना पर आगे बढ़ता है तो यह “लोगों को भड़काना माना जाएगा”। ज़ूमा ने कहा, “अगर नतीजे कल घोषित नहीं किए गए तो कोई नहीं मरेगा।”
जैकब जूमा ने कहा था कि “जब कोई परेशानी न हो तो जानबूझकर परेशानी शुरू न करें। उन्होंने आईईसी को चेतावनी देकर कहा कि शिकायतों की जांच के लिए एक आयोग की आवश्यकता है, क्योंकि “जो लोग प्रभारी हैं वे स्वयं इसकी जांच नहीं कर सकते”। अगर आईईसी अपनी योजना पर कायम रहती है, तो 26 पार्टियां कानूनी हस्तक्षेप के लिए मजबूर होंगी। वहीं मोएप्या ने कहा कि हालांकि सभी शिकायतें आईईसी को बुधवार रात 9 बजे चुनाव समाप्त होने के 48 घंटों के भीतर प्राप्त होनी थीं, लेकिन प्राधिकरण ने शनिवार शाम 6 बजे तक विस्तार की अनुमति दी थी। ज़ूमा उमखोंटो वी सिज़वे (एमके) पार्टी के नेता हैं, जिसे कुछ महीने पहले लॉन्च किया गया था और इसने अपने गृह प्रांत क्वाज़ुलु-नटाल में सबसे अधिक वोट जीतकर बड़ा उलटफेर किया था। इससे उस प्रांत में अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) का बहुमत समाप्त हो गया।
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