नई दिल्ली. इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच कई महीनों से जंग (war) जारी है. ना तो इजरायल इस जंग से पीछे हटना चाहता है और ना ही हमास घुटने टेकना चाहता है. इस बीच दोनों पक्षों के बीच शांति (peace) को लेकर एक नई योजना पेश की गई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि इजरायल ने हमास के समक्ष नई शांति योजना पेश की है. इसके तहत इजरायली बंधकों कि रिहाई और गाजा के रिहायशी इलाकों का पुनर्निर्माण शामिल है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.
बता दें कि इससे पहले हमास ने कहा था कि अगर इजरायली सेना गाजा में जंग रोक देती है तो वे बंधकों की अदला-बदली से जुड़ी डील को अमलीजामा पहनाने के लिए तैयार हैं.
हमास ने जारी बयान में कहा था कि अगर इजरायल, गाजा में लोगों के खिलाफ युद्ध और आक्रामकता बंद कर देता है तो वे इस दिशा में एक कम्प्लीट एग्रीमेंट करने को तैयार हैं. हमास का ये बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब संयुक्त राष्ट्र से लेकर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के आदेश के बावजूद इजरायली सेना, गाजा के दक्षिणी शहर रफाह में लगातार हमले कर रही है.
हमास ने कहा था कि हमारे लोगों के खिलाफ जारी आक्रामकता, घेराबंदी, भुखमरी और नरसंहार के बीच सीजफायर की बातचीत नहीं हो सकती. अगर इजरायल, गाजा में जंग रोक देता है तो वो एक समझौता करने के लिए तैयार है, जिसमें होस्टेज एक्सचेंज डील भी शामिल है.
6 मई से रफाह में जारी है ऑपरेशन
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने इजरायल से रफाह शहर में हमले रोकने को कहा था, लेकिन इसके बावजूद मंगलवार को पहली बार इजरायली सेना के टैंक रफाह में घुस गए थे.
7 अक्टूबर को हमास से जंग शुरू होने के सात महीने बाद इजरायली सेना ने 6 मई को रफाह में ऑपरेशन शुरू किया था. 27 मई को इजरायल ने रफाह के एक राहत कैंप पर बमबारी की थी. इस हमले में हमास ने 45 नागरिकों के मारे जाने का दावा किया था. इस हमले की जब दुनियाभर में आलोचना हुई तो बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे त्रासद दुर्घटना माना था.
हालांकि, इस हमले के तुरंत बाद आईडीएफ ने दावा किया था कि उन्होंने हमास के ठिकाने को निशाना बनाया था. इस हमले में आईडीएफ ने हमास के दो टॉप कमांडर- यासिन राबिया और खालेद नज्जर को मार गिराने का दावा किया था.
7 अक्टूबर से जारी है जंग
पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर पांच हजार रॉकेट दागे थे. इसके साथ ही हमास के लड़ाके दक्षिणी इजरायल में घुस आए थे और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था. हमास के इस हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे. इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग शुरू कर दी थी.
कुछ महीनों पहले इजरायल और हमास के बीच हुई सीजफायर डील में कई बंधकों को छोड़ दिया गया था. लेकिन अब भी दर्जनों बंधक हमास के कब्जे में है. इजरायली पीएम नेतन्याहू का साफ कहना है कि जब तक हमास का खात्मा नहीं होता, तब तक जंग जारी रहेगी.
इजरायल और हमास में जारी जंग में लगभग आठ महीनों में 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, लाखों लोग शरणार्थियों की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं और राहत कैंपों में रह रहे हैं.
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