इंदौर। नगर निगम में हमेशा विज्ञापन बोर्ड, होर्डिंगों सहित इससे जुड़े ठेकों में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। वर्तमान में निगम के मार्केट विभाग के अलावा एआईसीटीएसएल और स्मार्ट सिटी द्वारा भी ये ठेके दिए गए हैं। अग्रिबाण ने भी स्मार्ट सिटी द्वारा दिए गए ठेकों में हुई गड़बडिय़ों को उजागर किया था, जिसमें मनमाने तरीके से यूनीपोल भी लगा दिए। वहीं इसमें एक और बड़ी गड़बड़ी यह भी सामने आई कि जो 4 प्रतिशत की दर से निगम को टैक्स मिलना था वह भी विज्ञापन का ठेका लेने वाली एजेंसी ने नहीं चुकाया। अब उस बारे में नोटिस जारी किया गया है। साथ ही 44 जेंट्री गेट और 6 फुट ओवरब्रिज के भी टेंडर नए सिरे से जारी किए जा रहे हैं। इनमें भी बड़े पैमाने पर घोटाले हुए हैं।
वर्षों पहले नगर निगम ने राजदीप इन्फ्रास्ट्रक्चर को 44 जेंट्रीगेट के ठेके बड़े सस्ते में दे डाले थे, जिसको लेकर भी खूब हल्ला मचा। 17 साल के लिए दिया गया यह ठेका अभी कुछ दिनों पूर्व समाप्त हुआ है और राजदीप ने इन जेंट्री गेट और उसके साथ दिए गए यूनिपोल सहित अन्य के ठेकों में जमकर माल कमाया और निगम के ही कई कर्ताधर्ता की उसमें भागीदारी भी बताई गई। इसी तरह एआईसीटीएसएल, जिसके जिम्मे सिटी बस संचालन का जिम्मा है उसने भी बीआरटीएस कॉरिडोर सहित अन्य स्थानों पर विज्ञापन के टेंडर दिए हैं। बीआरटीएस कॉरिडोर पर ही एनएस पब्लिसिटी कम्पनी को यह ठेके दिए गए। निगम के अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा के मुताबिक 4 प्रतिशत की दर से संबंधित कम्पनी को नगर निगम को लोकल टैक्स चुकाना था, जो उसने नहीं दिया। लिहाजा इसकी वसूली करने के लिए एआईसीटीएसएल को कहा गया है कि वह टैक्स की राशि वसूल कर नगर निगम में जमा करवाए। बीते 5 सालों से यह टैक्स जमा नहीं हुआ है और जिसकी राशि 5 करोड़ रुपए से अधिक होती है। श्री मिश्रा के मुताबिक वर्तमान में 3 संस्थाएं शहर में होर्डिंग, विज्ञापन, जेंट्री गेट, यूनिपोल व अन्य के ठेके देती है, जिसमें नगर निगम के मार्केट विभाग के अलावा एआईसीटीएसएल और स्मार्ट सिटी शामिल है। अभी 44 जेंट्रीगेट और फुट ओवरब्रिज के नए सिरे से टेंडर जारी किए जा रहे हैं।
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