नई दिल्ली। दिल्ली (Dheli) में जल संकट (Water crisis) को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार (Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सरकार ने सर्वोच्च अदालत से मामले में दखल देने की गुजारिश करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्यों को अधिक पानी छोड़ने का निर्देश दिया जाए। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से पानी की भारी किल्लत है और दिल्ली सरकार का आरोप है कि यमुना में हरियाणा ने पानी की आपूर्ति कम कर दी है, जिसकी वजह सेसंकट उत्पन्न हुआ है।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने देश की सबसे बड़ी अदालत से कहा कि हीटवेव की स्थिति की वजह से शहर में पानी की मांग बहुत बढ़ गई है। पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को एक महीने तक यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया जाए। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पानी की आवश्यकता पूरी करने के लिए काम करना सबकी जिम्मेदारी है।
भाजपा ने केजरीवाल सरकार को ठहराया जिम्मेदार
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हरियाणा की भाजपा सरकार से एक महीने तक ज्यादा पानी भेजने की मांग की। वहीं, दिल्ली सरकार की मंत्री ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर दिल्ली की तरफ आने वाले पानी में कमी कर दी है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने जल संकट के लिए केजरीवाल सरकार के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। राजधानी में भीषण गर्मी के बीच लोगों को पानी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। शहर के कुछ हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है तो लोगों को पीने के पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। कई इलाकों में दिन में एक बार तो कई इलाकों में 48 घंटे में एक बार ही पानी की आपूर्ति हो रही है। कई इलाके सिर्फ टैंकर पर निर्भर हैं। पानी की बर्बादी पर सरकार ने 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाने का ऐलान कर दिया है।
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