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    मणिपुर में बाढ़ से 24 हजार मकान क्षतिग्रस्त, 1 लाख 88 हजार लोग प्रभावित, असम में भी 2 लाख लोग प्रभावित

  • May 31, 2024


    इंफाल/गुवाहाटी. मणिपुर (Manipur) और असम (Assam) में चक्रवात रेमल (Cyclone Remal), बारिश (Rain) और नदियों (Rivers) के उफान के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. रोड और यातायात प्रभावित होने से जन-जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा है. मणिपुर के एक मंत्री ने गुरुवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ से कुल 1,88,143 लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में बाढ़ से कम से कम 24,265 घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. जल संसाधन और राहत एवं आपदा प्रबंधन मंत्री अवांगबौ न्यूमई ने बताया कि कुल 18,103 लोगों को निकाला गया है और 56 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.


    आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक, नदी के किनारों पर बांधों में दरारों की वजह से आई खतरनाक बाढ़ को देखते हुए सरकार ने गुरुवार को 31 मई तक सभी सरकारी कार्यालयों के लिए दो दिवसीय सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया. नागरिकों से गुजारिश की गई है कि वे आपात स्थिति को छोड़कर घर के अंदर ही रहें.

    असम के 9 जिलों में लाखों लोग प्रभावित

    असम में बाढ़ से 9 जिलों में 1.98 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. एजेंसी के मुताबिक चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश की वजह से प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ने से एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई. अधिकारियों के मुताबिक हैलाकांडी जिले में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई. इसके साथ ही राज्य में मंगलवार से जारी बाढ़ और बारिश की वजह से मरने वालों की तादाद 6 हो गई है, जबकि 18 लोग घायल बताए जा रहे हैं.

    असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के मुताबिक, नागांव, करीमगंज, हैलाकांडी, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, कछार, होजाई, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों में कुल मिलाकर 1,98,856 लोग प्रभावित हुए हैं.

    बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में कछार शामिल है, जहां 1,02,246 लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं. इसके बाद करीमगंज में 36,959, होजई में 22,058 और हैलाकांडी में 14,308 लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कुल 3,238.8 हेक्टेयर फसल इलाका भी पानी में बह गया है, जबकि 2,34,535 जानवर प्रभावित हुए हैं.

    खतरे के निशान से ऊपर नदियां

    रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रभावित जिलों में कई जगहों पर ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां तथा उनकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. कुल 35,640 लोगों ने 110 राहत शिविरों में शरण ली है, जिनमें सबसे ज्यादा 19,646 लोग होजाई में, उसके बाद 12,110 लोग कछार में, 2,060 लोग हैलाकांडी में तथा 1,613 लोग करीमगंज में हैं.

    नागांव और कामपुर बरपानी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और इसने सिलदुबी से अमदुबी सड़क और रमानीपाथर में एक लकड़ी के पुल को नुकसान पहुंचाया है. पामली जरानी इलाके में एक स्कूल में जल भराव हो गया है.

    गोलाघाट जिले में धनसिरी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं. सोनितपुर जिले में ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियां लगातार बढ़ रही हैं और कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गुवाहाटी शहर में भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है.

    कई जिलों में जन-जीवन ठप्प

    असम की बराक घाटी और दीमा हसाओ के तीन जिलों में जन-जीवन ठप्प हो गया है, जबकि गुरुवार को अन्य प्रभावित जिलों से रुक-रुक कर बारिश और आंधी की खबरें मिली हैं. बराक घाटी के करीमगंज, कछार और हैलाकांडी जिलों में बराक नदी और उसकी सहायक नदियां लोंगई, कुशियारा, सिंगला और कटखाल कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे जलस्तर में बढ़ोतरी का रुख दिख रहा है, जबकि करीमगंज में चार तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

    सिलचर में कई इलाके जल-भराव से प्रभावित हुए हैं. लोगों की आवाजाही और यातायात प्रभावित हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि ‘गंभीर रूप से प्रभावित’ दीमा हसाओ जिले में, लगातार बारिश की वजह से सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ है, जिससे पूरे जिले में रोड कनेक्टिविटी टूट गई है. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और दीमा हसाओ पुलिस ने उमरोंगसो-लंका मार्ग को छोड़कर रात में यात्रा न करने की सलाह जारी की है.

    रेलवे पर पड़ा बुरा असर

    अधिकारियों ने बताया कि हाफलोंग-बदरपुर रेल मार्ग पर भूस्खलन की वजह से रद्द या बीच में ही रोक दी गई रेल सेवाएं अभी तक बहाल नहीं हुई हैं.

    भारी बारिश और आंधी की चेतावनी

    भारतीय मौसम विभाग ने गुरुवार को ग्वालपाड़ा, बोंगाईगांव, सोनितपुर, विश्वनाथ, डिब्रूगढ़, करीमगंज, कछार, हैलाकांडी, दीमा हसाओ, धुबरी और दक्षिण सलमारा जिलों में भारी वर्षा और आंधी की चेतावनी दी है.

    राज्य में नौका सेवाएं लगातार तीसरे दिन भी स्थगित रहीं, जबकि प्रभावित जिलों में सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे. मुख्य सचिव रवि कोटा ने जिला आयुक्तों को प्रभावित लोगों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया कि ASDMA स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों और रिस्पॉन्स एजेंसियों के साथ बातचीत कर रहा है.

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