इंदौर। लोकसभा चुनाव की 4 जून को होने वाली मतगणना में इंदौर में इस बार विधायक और बड़े नेताओं को नहीं भेजा जाएगा। ये व्यवस्था पार्टी-संगठन द्वारा की गई है। वहीं पार्षदों के मामले में भी पेंच अटका हुआ है कि उन्हें भी मतगणना में भेजा जाए या नहीं? नगर अध्यक्ष के शहर से बाहर होने के कारण अभी तक मतगणना एजेंटों की ट्रेनिंग की तारीख भी तय नहीं हुई है। वैसे विधानसभा और नगर निगम चुनावों में बड़े नेता भी अपनी पार्टी के अधिकृत एजेंट के तौर पर मतगणना में जाते रहे हैं, लेकिन इस बार शहर के आठों विधायक मतगणना स्थल नेहरू स्टेडियम में नहीं जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन विभाग द्वारा ही इस प्रकार की व्यवस्था की गई है कि विधायकों को अंदर नहीं भेजा जाए। उनको देखकर कार्यकर्ता माहौल बनाने लगते हैं और मतगणना प्रभावित होती है। इसके बाद शहर के सभी आठों विधायक अपने-अपने कार्यालय या भाजपा कार्यालय पर मौजूद रहेंगे।
सांसद शंकर लालवानी भी मतगणना स्थल पर नहीं पहुंचेंगे और अपने कार्यालय से ही मतगणना पर निगाह रखेंगे। अंत में वे सर्टिफिकेट लेने नेहरू स्टेडियम पहुंच सकते हैं। मतगणना स्थल पर केवल प्रत्याशी के मतगणना एजेंट ही नजर आएंगे। इनमें संबेधित क्षेत्र के नेताओं को भी भेजा जा रहा है, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर वे आपत्ति ले सकें। पार्षदों के मामले में भी पार्टी की अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है कि उनको मतगणना स्थल पर भेजा जा सकता है या नहीं। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे शहर से बाहर हैं और उनका मोबाइल भी 4 दिन से लगातार बंद आ रहा है। उनके इंदौर आने के बाद तय होगा कि पार्षदों को मतगणना स्थल पर एजेंट के रूप में भेजना है या नहीं? वहीं मतगणना एजेंटों की ट्रेनिंग भी अभी बाकी है। कुछ नेताओं का कहना है कि अधिकांश वे ही एजेंट मतगणना में जा रहे हैं, जो विधानसभा चुनाव में गए थे, इसलिए ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं है। फिर भी रणदिवे के आने के बाद तय किया जाएगा कि ट्रेनिंग दी जाए या नहीं?
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