नई दिल्ली(New Delhi) । यूपी में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections in UP)के सातवें और अंतिम चरण (last stage)की 13 सीटों पर विपक्ष पूरे दमखम(The opposition is in full force) के साथ चुनाव मैदान(Election Ground) में है। प्रचार के मामले में भी विपक्षी नेता सत्ता पक्ष से किसी भी मायने में पीछे नहीं दिख रहे हैं। रैलियां और रोड-शो लगातार करते नजर आए हैं। विपक्ष की इस हाड़तोड़ मेहनत के पीछे 2009 के नतीजों से जोड़ कर देखा जा रहा है। वर्ष 2009 के चुनाव में भाजपा अथवा नरेंद्र मोदी नाम की कोई हवा और आंधी नहीं थी, तब इस चरण की 13 में से 10 सीटें विपक्ष ने जीती थीं।
वर्ष 2009 के चुनाव में पूर्वांचल की इन सीटों पर विपक्ष खासकर सपा, बसपा और कांग्रेस का दबदबा था। उस चुनाव में इस चरण की पांच सीटें सपा, तीन सीटें बसपा और दो सीटें कांग्रेस के खाते में गई थीं। सिर्फ गोरखपुर, बांसगांव और वाराणसी संसदीय सीट पर भाजपा जीती थी।
13 में से पांच सपा और दो सीटें जीती थी कांग्रेस
2009 में यूपी में चुनाव के नतीजे पूरी तरह सपा, बसपा और कांग्रेस की तरफ गये थे। इस चुनाव में यूपी में सपा को 23, बसपा को 21 और कांग्रेस को भी 21 सीटों पर जीत मिली थी। इस जीत में पूर्वांचल के सातवें चरण में शामिल सीटों का अहम योगदान था। तब इन 13 सीटों में से महाराजगंज और कुशीनगर में कांग्रेस को जीत मिली थी। देवरिया, घोसी और सलेमपुर में बसपा जीती थी। वहीं सपा के खाते में बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज सीट गई थी। इस चुनाव में भी विपक्ष ने इन सीटों पर अधिक जोर लगा रखा है। विपक्ष में कांग्रेस-सपा एक साथ हैं तो बसपा अकेले ताल ठोके हुए है।
आठ सीटों पर भाजपा व सहयोगी दल हैट्रिक की रेस में
2009 और 2024 के बीच के दो चुनाव 2014 और 2019 में पूरे देश के साथ ही पूर्वांचल भी भाजपा के साथ रहा। 2019 के चुनाव में सातवें चरण की गाजीपुर और घोसी सीट को छोड़ भाजपा ने सभी 11 सीटों पर जीत हासिल की थी। चंदौली, बलिया, सलेमपुर, देवरिया, कुशीनगर और महाराजगंज की सीटें ऐसी हैं, जहां पर भाजपा इस बार चुनाव जीत कर लगातार तीन जीत का हैट्रिक लगा सकती है। जीत की हैट्रिक का रिकार्ड मिर्जापुर सीट पर भाजपा सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) भी बना सकता है, दो जीत के बाद अनुप्रिया पटेल फिर से यहां से अद (एस) की प्रत्याशी हैं। राबर्ट्सगंज सीट पर 2014 में भाजपा और 2019 में भाजपा सहयोगी अद (एस) को जीत मिली थी। इस सीट पर जीत होने की स्थिति में यहां एनडीए की तीसरी जीत कहा जा सकता है।
एनडीए बांसगांव व वाराणसी जीती तो जीत का चौका लगेगा
बांसगांव व वाराणसी में इस बार भी जीत हासिल होने पर भाजपा जीत का चौका लगा सकती है। वहीं गोरखपुर में 2018 का उपचुनाव जिसमें सपा ने जीत हासिल की थी उसे हटा दें तो पिछले कई चुनावों से इस सीट पर विपक्ष को सफलता नहीं मिली है।
सातवें चरण की 13 सीटों पर 2009 में जीत हासिल करने वाले दल
महाराजगंज- कांग्रेस
गोरखपुर- भाजपा
कुशीनगर- कांग्रेस
देवरिया- बसपा
बांसगांव- भाजपा
घोसी- बसपा
सलेमपुर- बसपा
बलिया- सपा
गाजीपुर- सपा
चंदौली- सपा
वाराणसी- भाजपा
मिर्जापुर- सपा
राबर्ट्सगंज- सपा
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