इन्दौर। फायर सेफ्टी के लिए व्यावसायिक बिल्डिंगों के साथ-साथ अब रहवासी क्षेत्रों पर भी कार्रवाई का डंडा चलाया जाएगा। ऐसे रहवासी क्षेत्र जहां सोसायटी बनाकर भारी तादाद में परिवार निवास करते हैं और सुरक्षा के मापदंडों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है, उन पर कलेक्टर सीलिंग का डंडा चलाएंगे। पुख्ता इंतजाम नहीं होने, अयोग्य वेंडरों द्वारा काम कराने, पाक्षिक रिपोर्ट समिट नहीं करने व इलेक्ट्रिक सेफ्टी का ध्यान नहीं रखने वालों पर भी आज से कार्रवाई की जाएगी। आज से एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों के रहवासी व व्यावसायिक क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
गर्मी के मौसम में आगजनी की घटनाओं से सबक लेते हुए अब जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। कलेक्टर कार्यालय में आयोजित की गई बैठक में रहवासी संगठनों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, होटल, हास्पिटल, होस्टल के साथ-साथ कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। यदि इन सभी जगहों पर फायर सेफ्टी के नियमों का उल्लंघन पाया गया तो व्यावसायिक क्षेत्रों पर जहां सीधे ताला जड़ दिया जाएगा, वहीं रहवासी क्षेत्रों के सुख-सुविधाघरों जैसे स्विमिंग पूल, गार्डन, गेम झोन, कामन एरिया जैसी जगहों पर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर आशीषसिंह ने कल जहां बैठक बुलाकर सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र पर नजर रखने के निर्देश दिए, वहीं संगठनों को बुलाकर नियमों की जानकारी दी। उनसे सुरक्षा के साथ-साथ परेशानियांं भी जानीं।
फायर सेफ्टी की गाडिय़ां भंगार
बैठक में पहुंचे रहवासी क्षेत्रों और टेक्निकल स्टाफ ने कलेक्टर का ध्यान फायर सेफ्टी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की तरफ आकर्षित करते हुए बताया कि इनकी हालत खस्ता होती जा रही है। वहीं रहवासी क्षेत्रों में आने-जाने की कमी के कारण टूट-फूट भी भारी मात्रा में होती है। कलेक्टर ने निर्देश जारी किए कि शहर के चारों कोनों में एक-एक फायर सेफ्टी सेंटर बनाया जााए। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के देपालपुर, महू और सांवेर के लिए अलग से फायर केंद्र बनाया जाए।
आम जनता की मदद… सजा
आगजनी की घटना के दौरान आम जनता संवेदनशीलता का परिचय देते हुए मदद के लिए दौड़ पड़ती है। कई बार यही मदद सजा का सबब भी बन जाती है। जली हुई हालत में लोगों को किस तरह से उठाना है या किस तरह से सुरक्षा के इंतजामों का इस्तेमाल किया जाना है, इसकी जानकारी नहीं होने के कारण लोग मदद के बजाय नुकसान कर देते हैं। इसे देखते हुए युवाओं को आगजनी की घटना से बचाव के लिए ट्रेंड किया जाना जरूरी है।
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