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    चीन-पाकिस्‍तान की नौसेना अब टेकेगी घुटने, समुद्र में गरजेंगे 26 विध्वंसक राफेल

  • May 29, 2024

    नई दिल्‍ली(New Delhi) । भारत और फ्रांस (India and France)के बीच राफेल(Rafael) को लेकर एक और डील की तैयारी(Preparing for the deal) चल रही है। दोनों देश 50 हजार करोड़ रुपये के 26 राफेल समुद्री जेट सौदे (Marine Jet Deals)के लिए बातचीत शुरू करने वाले हैं। 30 मई को एक उच्चस्तरीय फ्रांसीसी दल वार्ता के लिए भारत आएगा। उसके बाद दोनों देशों के अधिकारी सौदे के अनुबंध पर बातचीत शुरू करेंगे।

    इस समझौते का उद्देश्य भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत के लिए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करना है। रक्षा उद्योग के अधिकारियों ने बताया कि फ्रांसीसी पक्ष लड़ाकू जेट सौदे पर आधिकारिक बातचीत करने के लिए रक्षा मंत्रालय के समकक्षों से मुलाकात करेगा। फ्रांसीसी दल में मूल उपकरण निर्माता डसॉल्ट एविएशन और थेल्स सहित फ्रांस के रक्षा मंत्रालय और उद्योग के अधिकारी शामिल होंगे। वहीं, भारत की ओर से रक्षा अधिग्रहण विंग और भारतीय नौसेना के सदस्य वार्ता में भाग लेंगे। सरकारी सूत्रों की मानें तो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक फ्रांस के साथ बातचीत को अंतिम रूप देने और समझौते पर हस्ताक्षर करने का प्रयास किया जाएगा।


    आईएनएस विक्रमादित्य पर होगी तैनाती

    फ्रांस ने भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के लिए 26 राफेल समुद्री जेट खरीदने के लिए भारत की निविदा पर दिसंबर में ही अपनी प्रतिक्रिया जमा कर दी थी। भारत सरकार ने फ्रांसीसी प्रस्ताव का गहन मूल्यांकन किया है, जिसमें विमान के लिए वाणिज्यिक प्रस्ताव और अन्य अनुबंध विवरण शामिल हैं। अब भारतीय और फ्रांसीसी अधिकारियों के बीच कड़ी बातचीत की उम्मीद है, क्योंकि यह सौदा सरकार-से-सरकार के बीच अनुबंध है। नौसेना प्रमुख ने अपनी टीम को परियोजना की समय-सीमा में तेजी लाने का निर्देश दिया है ताकि विमानों को तेजी से अंतिम रूप देने और सूची में शामिल करने को सुनिश्चित किया जा सके।

    राफेल समुद्री जेट की खासियत

    राफेल समुद्री जेट एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है। यह विमान पाकिस्तान के पास मौजूद एप-16 या चीन के पास मौजूद जे-20 से काफी हद तक बेहतर है। इस विमान का रेंज 3700 किलोमीटर है। ये अपनी उड़ान वाली जगह से कितनी भी दूर हमला करके वापस लौट सकता है। राफेल की तरह इस विमान में भी हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता होती है। इसकी डिजाइन राफेल से थोड़ी अलग है। राफेल मरीन जेट का आकार राफेल से छोटा है। इस विमान को खासतौर पर विमानवाहक युद्धपोत के लिए तैयार किया गया है।

    युद्धपोत पर विमानों की लैंडिग काफी प्रभावशाली होनी चाहिए। इसके लिए विमान के लैडिंग गियर और एयर फ्रेम को भी अधिक शक्तिशाली बनाया गया है। इस विमान की फोल्डिंग विंग्स भी काफी मजबूत हैं। राफेल समुद्री जेट में पनडुब्बियों को खोजने और मार गिराने के लिए एडवांस रडार लगाए गए हैं। इस विमान में एंटी शिप मिसाइल भी लगाए जाएंगे, जो हवा से जमीन हमला कर सकती है।

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