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    दिल्ली में पानी की किल्लत, पानी बर्बाद किया तो कटेगा चालान! आतिशी ने दिए संकेत

  • May 28, 2024

    नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार में जल मंत्री आतिशी (Water Minister Atishi) ने पानी की बर्बादी करने पर चालान काटने के संकेत दिए हैं. आतिशी ने दिल्ली वालों से पानी बर्बाद न करने की अपील (Appeal to Delhiites not to waste water) भी की है. जल मंत्री ने कहा कि पानी बर्बाद न करने की अपील का असर नहीं होने की स्तिथि पर चालान काटने पर विचार किया जा सकता है. आतिशी का दावा है कि दिल्ली पानी की सप्लाई के लिए यमुना नदी पर निर्भर है. मई के महीने में हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी छोड़ना बंद कर दिया है, जिससे यमुना का स्तर दिल्ली में गिर रहा है.

    उन्होंने कहा कि इस साल 1 मई से हरियाणा ने दिल्ली को हिस्से का पानी देना कम कर दिया. दिल्ली में यमुना नदी का स्तर 669.8 फ़ीट पर पहुंच गया है. जब पानी का स्तर घटता है तो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में भी कम पानी आता है और अलग-अलग हिस्सों में जाने वाला पानी भी कम हो जाता है. दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से पानी की गंभीर समस्या है. पानी की बेहतर सप्लाई के लिए बोरवेल को 6 घंटे से बढ़ाकर 14 घंटे चलाया जा रहा है और पानी टैंकर की सप्लाई भी बढ़ाई गई है.

    आतिशी ने दिल्ली वालों से पानी को बर्बाद न करने और गाड़ियों को पानी से न धोने की अपील की है. आतिशी ने पानी की बर्बादी करने वालों पर चालान काटने के संकेत देते हुए कहा कि अगर दिल्ली में पानी की बर्बादी होती है तो चालान भी लगाना पड़ सकता है. आतिशी ने कहा कि गाड़ी धोने के लिए पानी इस्तेमाल करना या टंकी से पानी ओवरफ्लो होने की स्थिति में चालान काटा जाएगा. अपील का असर नहीं होता है तो अगले 1 या 2 दिन में चालान काटना शुरू कर सकते हैं. साथ ही आतिशी ने बताया कि पानी की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में आज से 2 टाइम की बजाय 1 ही टाइम पानी की सप्लाई की जाएगी, ताकि अन्य प्रभावित इलाकों में पानी की सप्लाई की जा सके. दिल्ली विकट परिस्थिति में खड़ी है, क्योंकि हरियाणा ने पानी सप्लाई को रोक लिया है. दिल्ली को ज़ीरो वॉटर सप्लाई में नहीं छोड़ा जा सकता है. दिल्ली वालों को परेशानी होगी लेकिन वो सहयोग करें.


    आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार हरियाणा सरकार से लगातार बातचीत कर रही है, लेकिन बातचीत के बावजूद भी हरियाणा सरकार पानी नहीं छोड़ रही है. अगर एक-दो दिन में पानी की सप्लाई ठीक नहीं होती है तो हम कोर्ट का रुख करेंगे और हम सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे. अगर इस हीट वेव के दौरान लगातार पानी का स्तर गिरता रहा तो दिल्ली वालों के लिए पानी की एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी की समस्या हो रही है. क्योंकि पानी कम आ रहा है इसलिए पानी की सप्लाई घट गई है.

    आतिशी ने कहा कि दिल्ली का रॉ वाटर बनाने के लिए काम कर रहे हैं. दिल्ली में हिमाचल से पानी लेने के लिए एमओयू भी किया है. जिसके तहत हिमाचल दिल्ली को 50 एमजीडी पानी देगा. लेकिन इस एमओयू को हरियाणा ने अपर यमुना बोर्ड में रोका हुआ है. अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएंगे. दिल्ली एक ऐसा शहर है जहां लगातार जनसंख्या बढ़ रही है. देशभर से लोग दिल्ली में काम की तलाश में आते हैं और सेटल होते हैं. इसलिए दिल्ली में पानी की डिमांड बढ़ रही है. हीट वेव के दौरान पानी की जरूरत बढ़ जाती है ऐसे समय में भी हरियाणा ने दिल्ली का पानी रोक लिया है. पानी का लेवल गिरने से तकरीबन 30 से 45 एमजीडी पानी का उत्पादन घट जाता है.

    साल 2023 के एक डेटा की मानें तो दिल्ली की दो करोड़ से ज्यादा आबादी को हर दिन 130 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है. दिल्ली के हर व्यक्ति को हर दिन अपनी जरूरत के लिए 274 लीटर पानी चाहिए. दिल्ली के मास्टर प्लान-2041 के तहत, इस जरूरत को 2041 तक घटाकर 189 लीटर प्रति दिन पर लेकर आने का टारगेट रखा गया है. बाद में इसे 151 प्रति लीटर पर लाया जाएगा. बता दें कि जून 2023 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि 2015 में जल बोर्ड हर दिन 85 करोड़ गैलन पानी की सप्लाई करता था और अब इसकी कैपेसिटी हर दिन 100 करोड़ गैलन पानी की हो गई है.

    दिल्ली में पीने के पानी की 90 फीसदी जरूरत पड़ोसी राज्यों से पूरी होती है. दिल्ली को हरियाणा की यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश की गंगा नदी से और पंजाब के भाखरा नांगल से पानी मिलता है.दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल से रावि-व्यास नदी से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता है. इसके अलावा कुंए, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता है. कुल मिलाकर दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता है. इसके साथ ही दिल्ली के तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से हर दिन 23 करोड़ गैलन पानी आता है. इसमें से 9 करोड़ चंद्रावल, 12 करोड़ वजीराबाद और बाकी ओखला से आता है.

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